जयपुर. बार-बार लापता होने पर एक 10 वर्षीय बच्चे के हाथ पर पहचान लिखने का मामला सामने आया है. 10 साल का बच्चा दो बार लापता हो गया, तो इसके बाद हाथ पर पहचान लिख दी. बच्चे के पिता की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद मां भी छोड़ कर चली गई. इसके बाद बच्चा नानी के घर पर रह रहा था, जहां पर पालन पोषण किया जा रहा था.
बच्चा काफी मानसिक अवसाद में भी चल रहा था. बच्चे के लापता होने पर उसके हाथ पर नाम पते लिखवा दिए गए. जयपुर का चांदपोल इलाके में नानी के घर पर रह रहा बच्चा अचानक घर से निकलकर सिंधी कैंप पहुंच गया. सिंधी कैंप से बच्चा बस में बैठ गया. उसे पता ही नहीं था कि बस कहां पर जाएगी और बस में बैठकर सीकर पहुंच गया. सीकर बस डिपो में घूमता रहा, तो वहां पर लावारिस घूमते हुए पुलिस को मिल गया, जिसके बाद बाल कल्याण समिति के पास भेज दिया गया. बाल कल्याण समिति सदस्यों ने काउंसलिंग में पूछताछ की.
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बाल कल्याण समिति सदस्यों ने बच्चे की काउंसलिंग की तो वह बार-बार हाथ आगे करता रहा, लेकिन सदस्य कुछ नहीं समझ पाए. उसका हाथ ध्यान से देखा तो नाम पता और मोबाइल नंबर लिखे हुए मिले. मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो उसकी नानी से बात हो गई, नानी काफी परेशान थी. बच्चे का पता लगने पर सीकर पहुंची और पूरी दास्तां सुनाई. इसके बाद सभी यह सुनकर हैरान हो गए.
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इसके बाद बच्चे की नानी उसे वापस जयपुर लेकर पहुंची, बच्चे के दो भाई बहन भी है. आर्थिक रूप से कमजोर नानी मजदूरी करके पालन पोषण कर रही है. बच्चों का पूरा ख्याल भी रखती है. बच्चा बार-बार लापता हो जाता था. इसको देखते हुए हाथ पर नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखवा दिए. इससे पहले भी बच्चा दो बार झुंझुनू चला गया था.