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पटाखों पर रोक के लिए मानव अधिकार आयोग ने दिया 28 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करने का समय

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को लेकर 4 अक्टूबर को राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से निर्देश जारी किए गए थे. जिसके बाद गृह विभाग सहित विभिन्न कलेक्टरों को आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजनी थी, लेकिन गृह विभाग ने इसके लिए और समय की दरकार चाही है.

पटाखों पर रोक लगाने की हो रही कवायद,  Ban on firecrackers in Diwali, State human rights commission
पटाखों पर रोक लगाने की हो रही कवायद
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Published : Oct 12, 2020, 11:56 PM IST

जयपुर : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के मामले में 4 अक्टूबर को राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से जारी निर्देश के बाद गृह विभाग सहित विभिन्न कलेक्टरों को आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजनी थी. लेकिन गृह विभाग ने इसके लिए और समय की दरकार चाही है. ऐसे में आयोग ने आगामी 28 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करने का समय दिया है.

पटाखों पर रोक लगाने की हो रही कवायद,  Ban on firecrackers in Diwali, State human rights commission
पटाखों पर रोक लगाने की हो रही कवायद

गृह विभाग की संयुक्त सचिव नलिनी कठोतिया द्वारा आयोग के समक्ष पेश होने और आग्रह करने पर यह समय दिया गया. वहीं इस संबंध में जिलों के कलेक्टरों से मांगी गई. रिपोर्ट में से कुछ कलेक्टरों ने आयोग की राय पर सहमति भी जताई और पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने के बात भी लिखी.

रिपोर्ट अब तक आयोग के समक्ष नहीं आई

वहीं कई जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट अब तक आयोग के समक्ष नहीं आई. इसी में आयोग ने प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य रहने का अधिकार बताते हुए सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को से अपेक्षा की है कि वे आगामी तारीख पेशी से पूर्व प्रकरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.

जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी

गौरतलब है कि बीते 4 अक्टूबर को आयोग ने एसएमएस अस्पताल के मेडिसन विभाग से जुड़े डॉ. के मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को दिए गए सुझाव पर स्वयं संज्ञान लेते हुए गृह विभाग मुख्य सचिव और सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी किया था. जिसमें इस संबंध में राय मांगी थी. पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे.

जयपुर : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के मामले में 4 अक्टूबर को राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से जारी निर्देश के बाद गृह विभाग सहित विभिन्न कलेक्टरों को आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजनी थी. लेकिन गृह विभाग ने इसके लिए और समय की दरकार चाही है. ऐसे में आयोग ने आगामी 28 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करने का समय दिया है.

पटाखों पर रोक लगाने की हो रही कवायद,  Ban on firecrackers in Diwali, State human rights commission
पटाखों पर रोक लगाने की हो रही कवायद

गृह विभाग की संयुक्त सचिव नलिनी कठोतिया द्वारा आयोग के समक्ष पेश होने और आग्रह करने पर यह समय दिया गया. वहीं इस संबंध में जिलों के कलेक्टरों से मांगी गई. रिपोर्ट में से कुछ कलेक्टरों ने आयोग की राय पर सहमति भी जताई और पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने के बात भी लिखी.

रिपोर्ट अब तक आयोग के समक्ष नहीं आई

वहीं कई जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट अब तक आयोग के समक्ष नहीं आई. इसी में आयोग ने प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य रहने का अधिकार बताते हुए सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को से अपेक्षा की है कि वे आगामी तारीख पेशी से पूर्व प्रकरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.

जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी

गौरतलब है कि बीते 4 अक्टूबर को आयोग ने एसएमएस अस्पताल के मेडिसन विभाग से जुड़े डॉ. के मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को दिए गए सुझाव पर स्वयं संज्ञान लेते हुए गृह विभाग मुख्य सचिव और सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी किया था. जिसमें इस संबंध में राय मांगी थी. पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे.

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