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बच्चियों को करंट लगने के मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया प्रसंज्ञान...जेवीवीएनएल, कलेक्टर और एसपी को दिया नोटिस

राज्य मानवाधिकार आयोग ने भरतपुर में बिजली के खुले बॉक्स से दो बच्चियों को करंट लगने (Electricity company negligence caused current to girls) के मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक को जयपुर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को नोटिस दिया है.

राज्य मानवाधिकार आयोग राजस्थान
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Published : Feb 7, 2022, 8:09 PM IST

जयपुर. भरतपुर में बिजली कम्पनी की लापरवाही से दो बच्चियों को करंट लगने (Electricity company negligence caused current to girls) के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने प्रबंध निदेशक, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भरतपुर जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट तलब की है.

बिजली कम्पनी की लापरवाही से हादसा : भरतपुर में नगर निगम के बाहर दो बच्चियां खेल रही थी. वहीं पर बिजली कम्पनी के खुले पड़े विद्युत बाक्स से बच्चियों को करंट लग गया. करंट से दोनों बच्चिया गंभीर रूप से झुलस गई. जिन्हें आर.बी.एम. चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. परिजनों का आरोप है कि बिजली कम्पनी की लापरवाही से यह हादसा हुआ है. आयोग ने भी माना कि हादसा विद्युत कम्पनी की लापरवाही से हुआ है.

यह भी पढ़ें- रेलवे स्टेशन पर बुजुर्गों को पीटने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, अजमेर GRP पुलिस अधीक्षक को जारी किया नोटीस

विद्युत कम्पनियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वह किसी भी स्थान पर विद्युत के तारों एवं बाक्सों को खुला नहीं छोड़ें. विशेष रूप से आबादी वाले स्थान, सार्वजनिक स्थान एवं विभिन्न कार्यालय पर जहां लोगों की आवाजाही निरंतर रहती है. यदि विद्युत कम्पनियां विद्युत बाक्स एवं तारों को खुला छोड़ती हैं तो निश्चित ही खुले पड़े बाक्सों एवं तारों से कोई भी घटना हो सकती है. जिसमें प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से विद्युत कम्पनी की ही लापरवाही रहती है.आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जी.के. व्यास ने प्रसंज्ञान लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, भरतपुर जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है.

यह भी पढ़ें- कोटा : श्रीजी अस्पताल रेमडेसीविर मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

जयपुर. भरतपुर में बिजली कम्पनी की लापरवाही से दो बच्चियों को करंट लगने (Electricity company negligence caused current to girls) के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने प्रबंध निदेशक, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भरतपुर जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट तलब की है.

बिजली कम्पनी की लापरवाही से हादसा : भरतपुर में नगर निगम के बाहर दो बच्चियां खेल रही थी. वहीं पर बिजली कम्पनी के खुले पड़े विद्युत बाक्स से बच्चियों को करंट लग गया. करंट से दोनों बच्चिया गंभीर रूप से झुलस गई. जिन्हें आर.बी.एम. चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. परिजनों का आरोप है कि बिजली कम्पनी की लापरवाही से यह हादसा हुआ है. आयोग ने भी माना कि हादसा विद्युत कम्पनी की लापरवाही से हुआ है.

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विद्युत कम्पनियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वह किसी भी स्थान पर विद्युत के तारों एवं बाक्सों को खुला नहीं छोड़ें. विशेष रूप से आबादी वाले स्थान, सार्वजनिक स्थान एवं विभिन्न कार्यालय पर जहां लोगों की आवाजाही निरंतर रहती है. यदि विद्युत कम्पनियां विद्युत बाक्स एवं तारों को खुला छोड़ती हैं तो निश्चित ही खुले पड़े बाक्सों एवं तारों से कोई भी घटना हो सकती है. जिसमें प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से विद्युत कम्पनी की ही लापरवाही रहती है.आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जी.के. व्यास ने प्रसंज्ञान लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, भरतपुर जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है.

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