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आवासन मंडल को संशोधन विधेयक से शक्तियां तो मिली, लॉकडाउन के कारण प्रयोग करने का नहीं मिला मौका

लॉकडाउन से पहले विधानसभा सत्र में राजस्थान आवासन बोर्ड संशोधन विधेयक 2020 ध्वनि मत से पारित हुआ. इस विधेयक के पारित होने से राजस्थान आवासन मंडल की शक्तियों में इजाफा तो हुआ, लेकिन मंडल अब तक इन शक्तियों का प्रयोग नहीं कर पाया है.

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लॉकडाउन के कारण आवासन मंडल की शक्तियां नहीं हुई प्रयोग
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Published : May 25, 2020, 5:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान आवासन बोर्ड विधेयक 2020 के पास होने के बाद अब आवासन मंडल खुद की भूमि और उस पर बनी हुई संपत्ति से अतिक्रमण हटा सकेगा. साथ ही मंडल को ये अधिकार भी है कि वो किश्तों की बकाया राशि और लीज मनी की बकाया राशि को वसूल सकेगा. मंडल को ये भी अधिकार मिला है कि वो ऐसे संपत्ति मालिकों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई कर सकेगा, जिन्होंने मंडल की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है.

लॉकडाउन के कारण आवासन मंडल की शक्तियां नहीं हुई प्रयोग

विधानसभा में पारित हुए इस संशोधन विधेयक के बाद आवासन मंडल को ये शक्तियां मिली. हालांकि अब तक इन शक्तियों का प्रयोग करने का मौका नहीं मिला. इसे लेकर आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि बोर्ड की योजनाओं में भूमि अधिग्रहण के बाद, मूलभूत संरचनाओं का निर्माण और आवासों का निर्माण कर आमजन को आवंटित करने में समय लगता है. इस अवधि में कई बार अतिक्रमियों द्वारा संपत्ति पर अवैध कब्जा या अतिक्रमण कर लिया जाता है. लेकिन इनको हटाने की शक्तियां आवासन बोर्ड अधिनियम में नहीं थी.

यह भी पढ़ेंः वसुंधरा सरकार का ड्रीम पोजेक्ट द्रव्यवती नदी का हाल-बेहाल, काम बंद होने से जम हो रहा काई और कचरा

राजस्थान आवासन बोर्ड अधिनियम 1970 खंड 2 में धारा 51 ख जोड़ी गई है, जिससे मंडल को ये अधिकार मिल गया है कि वो अपनी संपत्ति से खुद अतिक्रमण हटा सकेगा. वहीं बोर्ड अधिनियम 1970 के खंड 2 में धारा 51 क जोड़ी गई है, जिसके तहत बोर्ड के आवंटियों से किश्तों की बकाया राशि और लीज मनी की बकाया राशि को वसूलने का अधिकार होगा. इससे बोर्ड की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा. साथ ही बकाया न चुकाने वालों की संपत्ति की कुर्की का अधिकार भी होगा.

हालांकि जानकर सूत्रों के अनुसार आवासन मंडल ने ये शक्तियां मिलने से पहले ही करीब 800 करोड़ की जमीन पर से अतिक्रमण हटवाया था. वहीं बीते साल 150 करोड़ की करीब 20 बीघा जमीन पर अतिक्रमण के प्रयास को विफल किया था. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड को शक्तियां मिलने के बाद फुल फ्लैश कार्रवाई कर अपनी जमीनों पर से अतिक्रमण हटाने और बकाया वसूलने का इंतजार है.

जयपुर. राजस्थान आवासन बोर्ड विधेयक 2020 के पास होने के बाद अब आवासन मंडल खुद की भूमि और उस पर बनी हुई संपत्ति से अतिक्रमण हटा सकेगा. साथ ही मंडल को ये अधिकार भी है कि वो किश्तों की बकाया राशि और लीज मनी की बकाया राशि को वसूल सकेगा. मंडल को ये भी अधिकार मिला है कि वो ऐसे संपत्ति मालिकों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई कर सकेगा, जिन्होंने मंडल की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है.

लॉकडाउन के कारण आवासन मंडल की शक्तियां नहीं हुई प्रयोग

विधानसभा में पारित हुए इस संशोधन विधेयक के बाद आवासन मंडल को ये शक्तियां मिली. हालांकि अब तक इन शक्तियों का प्रयोग करने का मौका नहीं मिला. इसे लेकर आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि बोर्ड की योजनाओं में भूमि अधिग्रहण के बाद, मूलभूत संरचनाओं का निर्माण और आवासों का निर्माण कर आमजन को आवंटित करने में समय लगता है. इस अवधि में कई बार अतिक्रमियों द्वारा संपत्ति पर अवैध कब्जा या अतिक्रमण कर लिया जाता है. लेकिन इनको हटाने की शक्तियां आवासन बोर्ड अधिनियम में नहीं थी.

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राजस्थान आवासन बोर्ड अधिनियम 1970 खंड 2 में धारा 51 ख जोड़ी गई है, जिससे मंडल को ये अधिकार मिल गया है कि वो अपनी संपत्ति से खुद अतिक्रमण हटा सकेगा. वहीं बोर्ड अधिनियम 1970 के खंड 2 में धारा 51 क जोड़ी गई है, जिसके तहत बोर्ड के आवंटियों से किश्तों की बकाया राशि और लीज मनी की बकाया राशि को वसूलने का अधिकार होगा. इससे बोर्ड की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा. साथ ही बकाया न चुकाने वालों की संपत्ति की कुर्की का अधिकार भी होगा.

हालांकि जानकर सूत्रों के अनुसार आवासन मंडल ने ये शक्तियां मिलने से पहले ही करीब 800 करोड़ की जमीन पर से अतिक्रमण हटवाया था. वहीं बीते साल 150 करोड़ की करीब 20 बीघा जमीन पर अतिक्रमण के प्रयास को विफल किया था. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड को शक्तियां मिलने के बाद फुल फ्लैश कार्रवाई कर अपनी जमीनों पर से अतिक्रमण हटाने और बकाया वसूलने का इंतजार है.

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