जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल के संचालक मंडल की मंगलवार को 245 वीं बैठक हुई. जिसमें 16 प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-20 के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की ओर से अंकेक्षित/प्रमाणित वार्षिक अंतिम लेखों को अनुमोदित किया गया.
साथ ही बताया गया कि कोरोना काल के बावजूद 8000 से ज्यादा अधिशेष आवासों के विक्रय से मंडल को 1300 करोड रुपए, 275 प्रीमियम प्रॉपर्टी के विक्रय से 334 करोड रुपए और अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना में 794 दुकानें बेचकर 122 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ. वहीं इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 2100 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त करने का अनुमान है.
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 4478 आवास पूर्व से निर्माणाधीन थे, जबकि इस वर्ष 6059 आवास और स्वीकृत किए गए हैं. इनमें ईडब्ल्यूएस के 3047, एलआईजी के 4078 और एमआईजी के 2401 आवास है. जबकि एचआईजी के महज 516 और एसएफएस के 495 आवास हैं. इस वर्ष विभिन्न निर्माण कार्यों पर 476 करोड़ रुपए खर्च होना अनुमानित है. वहीं बोर्ड बैठक में फैसला हुआ कि भिवाड़ी की अरावली विहार योजना में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के निर्मित किए जाने वाले फ्लैट्स के लिए पंजीकरण योजना शुरू की जाएगी.
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यहां ग्रुप हाउसिंग के लिए आरक्षित 6 भूखंडों पर मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत 808 फ्लैट्स का नियोजन किया गया है. इनमें आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग के लिए 536 और अल्प आय वर्ग के लिए 272 फ्लैट्स का नियोजन किया जाना है. वहीं बाड़मेर के सिवाना की भीमगौड़ा आवासीय योजना के 223 अधिशेष आवासों को 50% की छूट पर बेचा जाएगा, ये आवासीय ई ऑक्शन के माध्यम से बेचे जाएंगे. इस बोर्ड बैठक की अध्यक्षता आवासन मंडल अध्यक्ष भास्कर सावंत ने की इस दौरान आयुक्त पवन अरोड़ा के साथ मुख्य नगर नियोजक आरके विजयवर्गीय, सचिव संचिता विश्नोई और बोर्ड के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.