ETV Bharat / city

क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए होटलों के संचालकों ने की सरकार से भुगतान की मांग

जयपुर में कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों को रखने के लिए 80 से अधिक होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था. लेकिन सरकार की ओर से इन होटलों का भुगतान नहीं किया गया. इस पर होटल संचालकों ने भुगतान की मांग की है.

Payment of Hotel Operators, Quarantine Center in Hotels
क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए होटलों के संचालकों ने की सरकार से भुगतान की मांग
author img

By

Published : Aug 1, 2020, 5:02 AM IST

जयपुर. कोरोना काल में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए जिला प्रशासन ने शहर में 80 से अधिक होटलों का अधिग्रहण किया था. इनमें से आधा दर्जन होटलों का ही उपयोग जिला प्रशासन की ओर से किया गया था, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से इन होटलों का भुगतान नहीं किया गया है. अभी भी होटल संचालकों का 80 लाख से ज्यादा का भुगतान बकाया है, जिसके लिए वे जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए होटलों के संचालकों ने की सरकार से भुगतान की मांग

कुछ दिन पहले होटल एसोसिएशन की ओर से जिला कलेक्टर को बकाया भुगतान के लिए ज्ञापन भी दिया गया था. ज्ञापन में कहा गया था कि क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों, सरकारी कर्मचारियों को सुविधा और होटल में हुए नुकसान के बदले 82 लाख रुपये मांग रहे हैं. जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर भुगतान करने साफ इनकार कर दिया है, इसके बदले होटल एसोसिएशन को अजीब सा तर्क दिया गया कि कोरोना के दौरान लोगों ने समाज सेवा की है. ऐसे में उन्हें भी भुगतान छोड़ कर पुण्य कमाना चाहिए. जिला प्रशासन के इस रवैए से होटल एसोसिएशन में नाराजगी है.

पढ़ें- बाड़ेबंदी में बंद विधायकों के वेतन रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर

एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि होटल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर प्रशासन ने स्टाफ को भी काम पर रखने को कहा था. जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि जो भी खर्चा होगा, हम देंगे. होटल एसोसिएशन जयपुर के सचिव मुकेश अग्रवाल का कहना है कि कई होटल ऐसे हैं, जिनमें 15 दिन में 53 कमरे लगे. होटलों को काफी दिनों तक अधिग्रहण कर रखा गया था. जिला प्रशासन पुण्य कमाने की कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. मुकेश अग्रवाल ने कहा कि जोधपुर बीकानेर में भुगतान कर दिया गया है, लेकिन जयपुर जिला प्रशासन टालमटोल कर रहा है.

जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि होटल एसोसिएशन की ओर से भुगतान का ज्ञापन मिला है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुसार ही हम आगे कदम उठाएंगे. हमारा तो प्रयास यह है कि कोरोना काल में कई लोगों ने समाज सेवा की है. किसी ने खाना खिलाया, किसी ने दान पुण्य किया. होटल संचालक भी पुण्य कमाएं. होटल संचालकों ने ठहरने की व्यवस्था की, इस काम के लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं. अगर भुगतान की मांग की जा रही है तो सरकार से जो भी आदेश होगा, उसी के अनुसार काम करेंगे.

पढ़ें- जोधपुर शहर विधायक मनीषा पवार गुमशुदा होने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट

उन्होंने कहा कि मेरी दिली इच्छा है कि वो लोग बड़ा दिल रख कर राज्य सरकार के साथ जनता का सहयोग मानत हुए भुगतान छोड़ दें. जिन होटल पर मेडिकल टीम रुकी, उनका भुगतान तो जिला प्रशासन कर रहा है, लेकिन कोरोना काल में शहर के जिन होटल्स में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था, उन्हें अभी भी भुगतान का इंतजार है.

होटल संचालक हुसैन खान का कहना है कि जिला प्रशासन से कई बार भुगतान की मांग की गई, लेकिन जिला प्रशासन हर बार यह कहता है कि देखेंगे बजट नहीं है. हुसैन खान ने कहा कि जब बिजली का बिल आता है तो बिजली वाले यह नहीं कहते कि हम देखेंगे, वे तुरंत ही बिजली का कनेक्शन काट देते हैं. क्वॉरेंटाइन जब बनाया गया था, तो उस समय स्टाफ को भी बुलाया गया था. जिसका भी भुगतान हमें करना है और होटल के अन्य खर्च भी हैं.

इन होटलों का बकाया है भुगतान-

  • होटल कोहिनूर -15 लाख तीन हजार
  • होटल लीग्राड 15 लाख 54 हजार
  • होटल चंदा गार्डन- छह लाख 45 हजार
  • होटल पाम- 8 लाख 43 हजार
  • होटल कंचंदीप -29 लाख 53 हजार
  • होटल नीलम -16 लाख 80 हजार

जयपुर. कोरोना काल में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए जिला प्रशासन ने शहर में 80 से अधिक होटलों का अधिग्रहण किया था. इनमें से आधा दर्जन होटलों का ही उपयोग जिला प्रशासन की ओर से किया गया था, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से इन होटलों का भुगतान नहीं किया गया है. अभी भी होटल संचालकों का 80 लाख से ज्यादा का भुगतान बकाया है, जिसके लिए वे जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए होटलों के संचालकों ने की सरकार से भुगतान की मांग

कुछ दिन पहले होटल एसोसिएशन की ओर से जिला कलेक्टर को बकाया भुगतान के लिए ज्ञापन भी दिया गया था. ज्ञापन में कहा गया था कि क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों, सरकारी कर्मचारियों को सुविधा और होटल में हुए नुकसान के बदले 82 लाख रुपये मांग रहे हैं. जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर भुगतान करने साफ इनकार कर दिया है, इसके बदले होटल एसोसिएशन को अजीब सा तर्क दिया गया कि कोरोना के दौरान लोगों ने समाज सेवा की है. ऐसे में उन्हें भी भुगतान छोड़ कर पुण्य कमाना चाहिए. जिला प्रशासन के इस रवैए से होटल एसोसिएशन में नाराजगी है.

पढ़ें- बाड़ेबंदी में बंद विधायकों के वेतन रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर

एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि होटल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर प्रशासन ने स्टाफ को भी काम पर रखने को कहा था. जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि जो भी खर्चा होगा, हम देंगे. होटल एसोसिएशन जयपुर के सचिव मुकेश अग्रवाल का कहना है कि कई होटल ऐसे हैं, जिनमें 15 दिन में 53 कमरे लगे. होटलों को काफी दिनों तक अधिग्रहण कर रखा गया था. जिला प्रशासन पुण्य कमाने की कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. मुकेश अग्रवाल ने कहा कि जोधपुर बीकानेर में भुगतान कर दिया गया है, लेकिन जयपुर जिला प्रशासन टालमटोल कर रहा है.

जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि होटल एसोसिएशन की ओर से भुगतान का ज्ञापन मिला है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुसार ही हम आगे कदम उठाएंगे. हमारा तो प्रयास यह है कि कोरोना काल में कई लोगों ने समाज सेवा की है. किसी ने खाना खिलाया, किसी ने दान पुण्य किया. होटल संचालक भी पुण्य कमाएं. होटल संचालकों ने ठहरने की व्यवस्था की, इस काम के लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं. अगर भुगतान की मांग की जा रही है तो सरकार से जो भी आदेश होगा, उसी के अनुसार काम करेंगे.

पढ़ें- जोधपुर शहर विधायक मनीषा पवार गुमशुदा होने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट

उन्होंने कहा कि मेरी दिली इच्छा है कि वो लोग बड़ा दिल रख कर राज्य सरकार के साथ जनता का सहयोग मानत हुए भुगतान छोड़ दें. जिन होटल पर मेडिकल टीम रुकी, उनका भुगतान तो जिला प्रशासन कर रहा है, लेकिन कोरोना काल में शहर के जिन होटल्स में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था, उन्हें अभी भी भुगतान का इंतजार है.

होटल संचालक हुसैन खान का कहना है कि जिला प्रशासन से कई बार भुगतान की मांग की गई, लेकिन जिला प्रशासन हर बार यह कहता है कि देखेंगे बजट नहीं है. हुसैन खान ने कहा कि जब बिजली का बिल आता है तो बिजली वाले यह नहीं कहते कि हम देखेंगे, वे तुरंत ही बिजली का कनेक्शन काट देते हैं. क्वॉरेंटाइन जब बनाया गया था, तो उस समय स्टाफ को भी बुलाया गया था. जिसका भी भुगतान हमें करना है और होटल के अन्य खर्च भी हैं.

इन होटलों का बकाया है भुगतान-

  • होटल कोहिनूर -15 लाख तीन हजार
  • होटल लीग्राड 15 लाख 54 हजार
  • होटल चंदा गार्डन- छह लाख 45 हजार
  • होटल पाम- 8 लाख 43 हजार
  • होटल कंचंदीप -29 लाख 53 हजार
  • होटल नीलम -16 लाख 80 हजार
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.