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आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने किया स्वागत

आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने स्वागत किया है. एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी का 22 प्रतिशत हिस्सा होता है. पर्यटन का इस बार 13000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा गया है, जो कि बिगड़ी अर्थव्यवस्था में संबल देने का काम करेगी.

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आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने किया स्वागत
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Published : Feb 7, 2021, 10:51 PM IST

जयपुर. आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने स्वागत किया है. एसोसिएशन का कहना है कि नई आबकारी नीति से रुग्ण पर्यटन इकाइयों को बूस्ट मिलेगा. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी का 22 प्रतिशत हिस्सा होता है. पर्यटन का इस बार 13000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा गया है, जो कि बिगड़ी अर्थव्यवस्था में संबल देने का काम करेगी. नीति के जरिए बार माइक्रो ब्रेवरीज का संचालन कर सकेंगे, जिससे हैरिटेज लिकर के उत्पादन, विपणन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने किया स्वागत

आरएसजीएसएम द्वारा ली जानेवाली अतिरिक्त ड्यूटी को भी हटाया गया है. बियर पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में 10 प्रतिशत कमी से भी राहत मिली है. होटल, रेस्तरां और क्लब बार की लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत कमी स्वागत योग्य है. बार लाइसेंस के लिए स्थानीय निकाय या अधिकारियों के यहां आवेदन करना भी अच्छा प्रावधान है. प्रदेश की 7665 दुकानों के ऑनलाइन ऑक्शन से पारदर्शिता बढ़ेगी. कठिन प्रावधानों को आसान बनाने से पर्यटन व होटल उद्योग को उबरने में मदद मिलेगी.

होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है. अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला, संयुक्त सचिव रणविजय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है. होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व और गतिशील दूरदर्शिता के तहत 2021-22 की नई आबकारी नीति अच्छी है. राजस्थान राज्य में कोविड़ -19 महामारी के मद्देनजर बुरी तरह से बीमार पड़ चुके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है.

यह भी पढ़ें- 'बोर्ड' का परिणाम : 90 में से 48 बोर्ड पर कांग्रेस का कब्जा...22 विधायकों की मेहनत का 'लेखा-जोखा'

यह उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में सकल घरेलू उत्पाद का 22 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है और यह विदेशी मुद्रा अर्जन, क्षेत्रीय विकास, बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करता है और राजस्थान में हस्तशिल्प उद्योग को भारी प्रोत्साहन देता है. नई नीति की शुरूआत के साथ सरकार मादक पेय पदार्थों की बिक्री से 13,000 करोड़ रुपए का भारी राजस्व जुटाने में सक्षम होगी. इसके अलावा नई नीति राज्य में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों को एक परेशानी मुक्त और बेहतर अनुभव प्रदान करेगी. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है.

जयपुर. आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने स्वागत किया है. एसोसिएशन का कहना है कि नई आबकारी नीति से रुग्ण पर्यटन इकाइयों को बूस्ट मिलेगा. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी का 22 प्रतिशत हिस्सा होता है. पर्यटन का इस बार 13000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा गया है, जो कि बिगड़ी अर्थव्यवस्था में संबल देने का काम करेगी. नीति के जरिए बार माइक्रो ब्रेवरीज का संचालन कर सकेंगे, जिससे हैरिटेज लिकर के उत्पादन, विपणन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

आबकारी नीति का होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने किया स्वागत

आरएसजीएसएम द्वारा ली जानेवाली अतिरिक्त ड्यूटी को भी हटाया गया है. बियर पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में 10 प्रतिशत कमी से भी राहत मिली है. होटल, रेस्तरां और क्लब बार की लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत कमी स्वागत योग्य है. बार लाइसेंस के लिए स्थानीय निकाय या अधिकारियों के यहां आवेदन करना भी अच्छा प्रावधान है. प्रदेश की 7665 दुकानों के ऑनलाइन ऑक्शन से पारदर्शिता बढ़ेगी. कठिन प्रावधानों को आसान बनाने से पर्यटन व होटल उद्योग को उबरने में मदद मिलेगी.

होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है. अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला, संयुक्त सचिव रणविजय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है. होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व और गतिशील दूरदर्शिता के तहत 2021-22 की नई आबकारी नीति अच्छी है. राजस्थान राज्य में कोविड़ -19 महामारी के मद्देनजर बुरी तरह से बीमार पड़ चुके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है.

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यह उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में सकल घरेलू उत्पाद का 22 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है और यह विदेशी मुद्रा अर्जन, क्षेत्रीय विकास, बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करता है और राजस्थान में हस्तशिल्प उद्योग को भारी प्रोत्साहन देता है. नई नीति की शुरूआत के साथ सरकार मादक पेय पदार्थों की बिक्री से 13,000 करोड़ रुपए का भारी राजस्व जुटाने में सक्षम होगी. इसके अलावा नई नीति राज्य में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों को एक परेशानी मुक्त और बेहतर अनुभव प्रदान करेगी. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है.

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