जयपुर. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर रविवार को जिला परिषद सभागार में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत सम्मान समारोह आयोजित किया गया. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने एकल या दो बालिकाओं के बाद परिवार नियोजन अपनाने और बालिकाएं गोद लेने वाले 43 दंपतियों को सम्मानित किया.
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि आज के समय में भी ऐसे लोग हैं जो बेटियों को चाहते हैं और एक या दो बेटियां होने के बाद उन्होंने परिवार नियोजन अपनाया है. ये उनकी तरफ से अनुकरणीय पहल है. इसलिए ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया. जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी.
कलेक्टर ने कहा कि बच्ची हो या बच्चा, बच्चे दो ही अच्छे. दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन अपनाना चाहिए. जिला कलेक्टर नेहरा ने कहा कि वर्तमान में लोगों की सोच में बदलाव आया है, एक पढ़ी-लिखी बेटी दो परिवारों का भला करती है. बेटी का जन्म बड़े सौभाग्य की बात होती है, बेटियों को पढ़ाया लिखाया जाना चाहिए उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए.
पढ़ें- पुष्प नक्षत्र में UNLOCK हुए मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के कपाट
महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश डोगीवाल ने बताया कि आज सम्मानित होने वाले दंपती समाज के लिए रोल मॉडल बने हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी बालिकाओं और महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम किए जाएंगे, जिससे एक संवाद कायम हो सके.
राजेश डोगीवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से संदेश जाएगा कि बालकों की तरह बालिकाएं भी समान है. इससे लिंग अनुपात को भी समान रूप से लाने की प्रेरणा मिलेगी. समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया. साथ ही महिला उत्थान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले राहुल गुप्ता, प्रवीण सिन्हा रामअवतार सहित अन्य लोगों को प्रशस्ति पत्र भी दिए गए. इस अवसर पर सम्मानित नव दंपतियों के साथ महिला अधिकारिता विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे.