जयपुर. लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में अन्य राज्यों से आ रहे राज्य के मूल निवासियों को लेकर गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की ओर से जारी निर्देशों में कलेक्टरों को कहा है कि राज्य में आगामी दिनों में अन्य राज्यों से राज्य के मूल निवासियों के राज्य में अपने घर आने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है. ऐसे में कोरोना वायरस बचाव के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करने के लिए कलेक्टर को कहा गया है.
राज्य के सीमा वाले जिलों में चेक पोस्ट बनाने के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हें. इसके मुताबिक इन चेक पोस्ट पर आने वाले सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन होगा. रजिस्ट्रेशन में उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि अंकित करने होंगे. साथ ही ऐसे व्यक्ति जो अपने निजी वाहनों से सीधे अपने घर पहुंच सकते हैं.
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बता दें कि निजी वाहनों से घर पहुंचने वालों की सूचना प्राप्त करने के लिए स्थानीय स्तर पर मोहल्लों और गांवों में मजबूत सूचना तंत्र स्थापित करने के लिए भी कहा गया है. ताकि इस अवधि में अगर कोई भी नया व्यक्ति आता है तो उसके बारे में स्थानीय प्रशासन को जानकारी मिल सके. ऐसे व्यक्ति को अगले 14 दिनों तक के लिए घर में क्वॉरेंटाइन किया जा सके.
जागरूकता के लिए उठाए कदम
जिला कलेक्टरों से यह भी कहा गया है कि प्रत्येक पटवारी हल्का क्षेत्र के लिए उत्तरदायी होगा. उसके पास ऐसी सूचना तत्काल उपलब्ध हो. यह सूचना तहसीलदार, उपखंड अधिकारी को नियमित रूप से दी जाए. इस काम में पटवारी को बीएलओ सहायता करेंगे. समुदाय में जन चेतना विकसित करने के लिए भी कहा गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति अगर बाहर से आता है तो उसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को मिल सके और 14 दिन के लिए उस व्यक्ति को अपने घर के अंदर ही क्वॉरेंटाइन किया जा सके.
उल्लंघन करना पड़ेगा भारी
साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि अगर कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है तो उसकी सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन को दी जाए. ताकि उस व्यक्ति को घर से हटाकर प्रशासन की ओर से बनाए आइसोलेशन सेंटरों में रखा जा सके.
बनाए जाएं क्वॉरेंटाइन सेंटर
गृह विभाग ने यह भी कहा है कि कुछ गांव ऐसे हैं, जहां पर स्थानीय लोग बाहर से आने वाले व्यक्तियों को गांव में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं. ऐसी स्थिति में वहां किसी भी स्कूल भवन इत्यादि में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जाए. यहां पर बाहर से आए व्यक्तियों को ठहराया जाए. खाने-पीने की व्यवस्था का उत्तरदायित्व भी स्थानीय लोगों को ही दिया जाए.