जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को अपने निवास पर कहा कि हीनियस अपराधों पर मॉनिटरिंग के लिए एक अलग से सेल का गठन किया जाएगा. इस सेल का गठन एडीजी क्राइम के सुपरविजन में होगा. इसका प्रभारी अधिकारी आईजी रैंक का पुलिस ऑफिसर होगा. इसमें एक डीआईजी, दो एसपी रैंक के अधिकारी भी शामिल होंगे. साथ ही दो लीगल ऑफिसर भी होंगे. प्रत्येक रेंज के पुलिस कमिश्नर क्षेत्र में एक-एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक रेंक का अधिकारी भी इसमें शामिल होगा.
पहलू खान मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार ने इस मामले में लापरवाही की और लापरवाही की हदें पार कर दी. उसी का नतीजा रहा कि इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया. यह मामला देश भर में चर्चा का विषय भी बना. गहलोत ने कहा कि इस मामले में जो कमियां रह गई थी उसको दूर करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, उन्होंने कहा कि पहलू खान मामले में चार आयोग बदले गए. उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आपको पता होना चाहिए कि आयोग क्यों बदले गए जिस तरह से आयोग बदले गए उसी का नतीजा है कि सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहलू खान मामले में ना तो शिनाख्त कराई गई और न ही वीडियोग्राफी कराने वाला कैमरा जब्त किया गया और ना ही गवाह पेश किए गए. उन्होंने कहा जिस व्यक्ति का स्टिंग ऑपरेशन किया गया था उसने खुद स्वीकार किया था कि मारपीट में शामिल था उसको भी गवाह नहीं बनाया गया. हमने जो नाम दिए थे उनको भी गवाह नहीं बनाया गया. कुल मिलाकर इस मामले में बहुत सारी कमियां रखी गई.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करना आवश्यक कर दिया गया है. इससे लोगों को लाभ होगा गहलोत ने कहा कि यदि थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो एसपी ऑफिस में ऐसी व्यवस्था कर दी गयी है कि वहां एफ आई आर दर्ज हो सकेगी.
अशोक गहलोत ने कहा कि एसपी को उसके अंडर में काम करने वाले अधिकारियों पर निगरानी करने का अधिकार दिया गया है. रिपोर्ट के आधार पर ही उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी जिसके खिलाफ रिपोर्ट देगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि तफ्तीश के बाद लीगल ऑफिसर केस का चालान, कोर्ट में केस की स्थिति, गवाह, केस की कमियों आदि पर नजर रखेंगे.
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पहलू खान मामले में भी लीगल ऑफिसर इसी तरह नज़र रखेंगे. ताकि आगे के लिए सबक होगा कि किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं हो जो इस तरह की घटना का शिकार हुआ है. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह पूछा गया कि बीजेपी कह रही है कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ तो कानून बना दिया लेकिन गौ तस्करी को लेकर भी कोई कानून बनाना चाहिए. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में सरकार उन्हीं की है और प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि वे अपने कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करें.