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बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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Published : Oct 3, 2019, 8:45 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर रोड पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वहीं, खंडपीठ ने यह आदेश हीरानगर विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट आदेश, Rajasthan High Court Order

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर रोड पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख यूडीएच सचिव, नगर निगम आयुक्त, जेडीसी और डीसीपी ट्रेफिक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश हीरानगर विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता जगमोहन सक्सेना ने अदालत को बताया कि अजमेर रोड स्थित डीसीएम के पास बने बीआरटीएस कॉरिडोर में चलने वाले वाहनों की निगरानी करने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा कॉरिडोर के दोनों तरफ सड़कें होने के कारण उसका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा कॉरिडोर के बीच कई कट होने के चलते यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.

पढ़ें- भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा डॉ. कलाम की जयंती पर प्रतिभाओं का करेगा सम्मान, मुख्तार अब्बास नकवी भी आएंगे

याचिका में यह भी कहा गया कि आसपास की आवासीय कॉलोनियों में व्यवसायिक गतिविधियां होने के कारण कॉलोनियों में भारी वाहनों की आवाजाही भी होती रहती है. अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है. इस संबंध में राज्य सरकार और एसीबी को भी कई बार सूचित किया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर रोड पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख यूडीएच सचिव, नगर निगम आयुक्त, जेडीसी और डीसीपी ट्रेफिक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश हीरानगर विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता जगमोहन सक्सेना ने अदालत को बताया कि अजमेर रोड स्थित डीसीएम के पास बने बीआरटीएस कॉरिडोर में चलने वाले वाहनों की निगरानी करने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा कॉरिडोर के दोनों तरफ सड़कें होने के कारण उसका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा कॉरिडोर के बीच कई कट होने के चलते यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.

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याचिका में यह भी कहा गया कि आसपास की आवासीय कॉलोनियों में व्यवसायिक गतिविधियां होने के कारण कॉलोनियों में भारी वाहनों की आवाजाही भी होती रहती है. अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है. इस संबंध में राज्य सरकार और एसीबी को भी कई बार सूचित किया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:याचिकाकर्ता के वकील जगमोहन सक्सेना की बाईट

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर रोड पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख यूडीएच सचिव, नगर निगम आयुक्त, जेडीसी और डीसीपी ट्रेफिक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश हीरानगर विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता जगमोहन सक्सैना ने अदालत को बताया कि अजमेर रोड स्थित डीसीएम के पास बने बीआरटीएस कॉरिडोर में चलने वाले वाहनों की निगरानी करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा कॉरिडोर के दोनों तरह सडकें होने के चलते उसका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा कॉरिडोर के बीच कई कट होने के चलते यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि आसपास की आवासीय कॉलोनियों में व्यावसायिक गतिविधियां होने के चलते कॉलोनियों में भारी वाहनों की आवाजाही भी होती रहती है। अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है। इस संबंध में राज्य सरकार और एसीबी को भी कई बार सूचित किया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।Conclusion:
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