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Rajasthan Highcourt : रीट भर्ती परीक्षा की जांच सीबीआई से कराने की याचिका पर मांगा जवाब - Rajasthan news

राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती परीक्षा की जांच सीबीआई (Rajasthan high court seeks reply on REET) से कराने के लिए दायर याचिका के मामले में जवाब मांगा है. प्रकरण में महाधिवक्ता से जवाब पेश करने को कहा गया है.

Rajasthan high court seeks reply on REET
रीट पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Feb 14, 2022, 8:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट-2021 पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने की गुहार करते हुए दायर याचिका पर महाधिवक्ता को याचिका की कॉपी दिलाते हुए जवाब (Rajasthan high court seeks reply on REET) पेश करने को कहा है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जनहित याचिका पर दिए हैं.

याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गत 26 सितंबर को रीट परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन परीक्षा से पहले ही इसका प्रश्न पत्र बाजार में आ गया. मामले में 27 सितंबर को एफआईआर भी दर्ज कराने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. याचिका में कहा गया कि मामले में एसओजी सिर्फ फोरी तौर पर जांच कर रही है. चार माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी एसओजी पेपर लीक से जुड़े 'छोटे खिलाडियों' तक ही पहुंच पाई है.

पढ़ें. REET Recruitment 2021: रीट भर्ती में परिणाम रोकने पर हाईकोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से मांगा जवाब

याचिका में यह भी कहा गया कि बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली मान चुके हैं कि प्रकरण को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. प्रकरण की जांच एसओजी को सिर्फ सरकार का चेहरा बचाने और राजनीतिक कारणों के चलते दी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रकरण में राजनेता, अफसर और पुलिस अधिकारी, कोचिंग माफिया और दलालों ने मिलकर पेपर लीक कराते हुए करोड़ों रुपए कमाए हैं. ऐसे में प्रकरण की जांच एसओजी से लेकर सीबीआई को सौंपी जाए जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने प्रकरण में महाधिवक्ता से जवाब पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट-2021 पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने की गुहार करते हुए दायर याचिका पर महाधिवक्ता को याचिका की कॉपी दिलाते हुए जवाब (Rajasthan high court seeks reply on REET) पेश करने को कहा है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जनहित याचिका पर दिए हैं.

याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गत 26 सितंबर को रीट परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन परीक्षा से पहले ही इसका प्रश्न पत्र बाजार में आ गया. मामले में 27 सितंबर को एफआईआर भी दर्ज कराने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. याचिका में कहा गया कि मामले में एसओजी सिर्फ फोरी तौर पर जांच कर रही है. चार माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी एसओजी पेपर लीक से जुड़े 'छोटे खिलाडियों' तक ही पहुंच पाई है.

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याचिका में यह भी कहा गया कि बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली मान चुके हैं कि प्रकरण को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. प्रकरण की जांच एसओजी को सिर्फ सरकार का चेहरा बचाने और राजनीतिक कारणों के चलते दी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रकरण में राजनेता, अफसर और पुलिस अधिकारी, कोचिंग माफिया और दलालों ने मिलकर पेपर लीक कराते हुए करोड़ों रुपए कमाए हैं. ऐसे में प्रकरण की जांच एसओजी से लेकर सीबीआई को सौंपी जाए जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने प्रकरण में महाधिवक्ता से जवाब पेश करने को कहा है.

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