जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल लैबोरेटरी साइंस में किए गए एक साल के डिप्लोमा को मान्यता नहीं देने पर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव और पैरा मेडीकल कौंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश अनिल कुमार की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2000 में देवी अहित्या विवि से मेडिकल लैबोरेटरी साइंस में एक वर्षीय डिप्लोमा किया था. देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालय एक साल का डिप्लोमा कराते हैं. याचिकाकर्ता ने फरवरी 2015 में पैरा मेडिकल कौंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया.
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काउंसिल ने याचिकाकर्ता के कोर्स करने का सत्यापन भी विवि से कर लिया. लेकिन बाद में डिप्लोमा एक साल का होने का हवाला देते हुए रजिस्ट्रेशन आवेदन को निरस्त कर दिया. याचिका में कहा गया कि UGC की ओर से इस कोर्स को मान्यता दी गई है.
काउंसिल ने एमडीएस विवि की ओर से कराए गए एक साल के इस डिप्लोमा का रजिस्ट्रेशन किया है. ऐसे में याचिकाकर्ता के साथ भेदभाव कर रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.