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भर्ती में चयन के बाद भी पद का वेतन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में चयनित संविदाकर्मियों को इस पद का वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है.

Rajasthan High Court News, नर्स ग्रेड द्वितीय का वेतन देने का आदेश
वेतन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Jan 30, 2021, 9:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में चयनित संविदाकर्मियों को इस पद का वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को नर्स ग्रेड द्वितीय का वेतन देने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजपाल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

वेतन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता 108 एम्बूलेंस और एनआरएचएम में संविदा पर लगे थे. वहीं याचिकाकर्ताओं का नर्स ग्रेड द्वितीय के पद पर गत 28 अप्रैल को चयन हो गया. चयन के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए रिलीव नहीं किया और संविदा के पद पर ही काम करते रहने के आदेश दिए. याचिका में कहा गया कि भर्ती में चयनीत गैर संविदाकर्मियों को राज्य सरकार पद का नियमित वेतन दे रही है.

पढ़ें: भरतपुर: कोर्ट ने कपूरा मलूका के सरपंच का चुनाव शून्य घोषित किया, ये है वजह...

ऐसे में याचिकाकर्ताओं को भी नर्स ग्रेड द्वितीय के लिए तय वेतन दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को नियमित वेतन देने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में चयनित संविदाकर्मियों को इस पद का वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को नर्स ग्रेड द्वितीय का वेतन देने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजपाल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

वेतन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता 108 एम्बूलेंस और एनआरएचएम में संविदा पर लगे थे. वहीं याचिकाकर्ताओं का नर्स ग्रेड द्वितीय के पद पर गत 28 अप्रैल को चयन हो गया. चयन के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए रिलीव नहीं किया और संविदा के पद पर ही काम करते रहने के आदेश दिए. याचिका में कहा गया कि भर्ती में चयनीत गैर संविदाकर्मियों को राज्य सरकार पद का नियमित वेतन दे रही है.

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ऐसे में याचिकाकर्ताओं को भी नर्स ग्रेड द्वितीय के लिए तय वेतन दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को नियमित वेतन देने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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