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भूतपूर्व सैनिक को पदस्थापन को सूचना नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - वरिष्ठ अध्यापक भर्ती- 2016

राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2016 में चयनित भूतपूर्व सैनिक को पदस्थापन की सूचना नहीं देने के मामले में सुनवाई की. जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और भरतपुर डीईओ को समय पर सूचना नहीं देने पर नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और भरतपुर डीईओ से मांगा जवाब
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Published : Sep 26, 2020, 8:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती- 2016 में चयनित भूतपूर्व सैनिक को पदस्थापन की सूचना नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और भरतपुर डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने ये आदेश विक्रम सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि आरपीएससी की ओर से आयोजित इस भर्ती में याचिकाकर्ता का चयन हो गया था. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 25 सितंबर 2018 को याचिकाकर्ता सहित अन्य सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करते हुए विभाग के संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिए कि वो सभी सफल अभ्यर्थियों को पोस्टिंग की सूचना दें.

वहीं, 27 सितंबर को भरतपुर के संयुक्त निदेशक ने पदस्थापन के लिए काउंसलिंग की, लेकिन इसकी सूचना याचिकाकर्ता को नहीं दी गई. याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति में उसे करौली में पदस्थापन कर दिया.

पढ़ें- दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात को लेकर मेडिकल बोर्ड गठित करने के आदेश

याचिका में कहा गया कि उसे फरवरी 2019 में अपने पदस्थापन की सूचना मिली. इस पर याचिकाकर्ता ने पदभार ग्रहण करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का प्रार्थना पत्र दिया. वहीं, विभाग की ओर से मांगी गई कुछ आपत्तियों का जवाब देने के बावजूद याचिकाकर्ता को अब तक जॉइनिंग नहीं दी गई है. जबकि पिछले अगस्त माह में भर्ती का संशोधित परिणाम भी जारी किया जा चुका है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती- 2016 में चयनित भूतपूर्व सैनिक को पदस्थापन की सूचना नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और भरतपुर डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने ये आदेश विक्रम सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि आरपीएससी की ओर से आयोजित इस भर्ती में याचिकाकर्ता का चयन हो गया था. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 25 सितंबर 2018 को याचिकाकर्ता सहित अन्य सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करते हुए विभाग के संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिए कि वो सभी सफल अभ्यर्थियों को पोस्टिंग की सूचना दें.

वहीं, 27 सितंबर को भरतपुर के संयुक्त निदेशक ने पदस्थापन के लिए काउंसलिंग की, लेकिन इसकी सूचना याचिकाकर्ता को नहीं दी गई. याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति में उसे करौली में पदस्थापन कर दिया.

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याचिका में कहा गया कि उसे फरवरी 2019 में अपने पदस्थापन की सूचना मिली. इस पर याचिकाकर्ता ने पदभार ग्रहण करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का प्रार्थना पत्र दिया. वहीं, विभाग की ओर से मांगी गई कुछ आपत्तियों का जवाब देने के बावजूद याचिकाकर्ता को अब तक जॉइनिंग नहीं दी गई है. जबकि पिछले अगस्त माह में भर्ती का संशोधित परिणाम भी जारी किया जा चुका है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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