जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वसुंधरा मित्र परिषद के गठन को लेकर फर्जी हस्ताक्षर से जुड़े मामले में चन्द्रराज सिंघवी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मदन यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता अभिमन्यू सिंह ने अदालत को बताया कि वर्ष 2004 में वसुंधरा मित्र परिषद का गठन किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता को सदस्य बनाया गया था. याचिकाकर्ता की ओर से गांधीनगर थाने में चन्द्रराज सिंघवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि चन्द्रराज सिंघवी ने परिषद के गठन से संबंधित दस्तावेजों पर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर लिए. मामले में कुछ साल पहले पुलिस की ओर से एफआर पेश की गई, जिसे निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया.
पढ़ें- RIICO ने कपड़ा छपाई फैक्ट्रियों के लिए आरक्षित भूमि को बेचने की हाईकोर्ट से मांगी अनुमति
याचिका में बताया कि इस आदेश के खिलाफ अतिरिक्त सत्र न्यायालय में रिवीजन पेश की गई थी, जिसे अदालत ने गत 31 मई को खारिज कर दिया था. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि पुलिस ने सिंघवी से हस्ताक्षर के नमूने तक नहीं लिए हैं. ऐसे में अदालत की ओर से एफआर को स्वीकार करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सिंघवी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.