जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह प्रदेश में बाल मजदूरों के पुनर्वास को लेकर समुचित प्रबंध करें. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में सरकार की ओर से तैयार किए गए एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करते हुए मासिक कार्यवाही रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश गोपाल सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने सामाजिक न्याय विभाग को कहा है कि वह एक्शन प्लान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बाल अधिकार प्रवर्तन अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करें. वहीं अदालत ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को कहा है कि वह संबंधित पुलिस अधिकारियों और एजेंसी से संपर्क कर ऐसे बालकों के पुनर्वास की दिशा में विभिन्न स्कीमों के तहत वित्तीय सहायता मुहैया कराए.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में काम कर रहे हजारों बाल मजदूर बेघर और बेसहारा हो गए हैं. राज्य सरकार इनके कल्याण के लिए उचित कदम उठाए. इसके अलावा मुक्त होने के बाद दूसरे राज्य में गए बाल मजदूरों की पहचान कर उनका तत्काल पुनर्वास किया जाए.
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही एक्शन प्लान बना चुकी है और इसे लागू करने के लिए सामाजिक न्याय विभाग के जरिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एक्शन प्लान के तहत की जा रही कार्रवाई की रिपोर्ट तलब करते हुए बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए कहा है.