जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निम्स विश्वविद्यालय में अध्ययनरत यमन निवासी छात्र शकर मंसूर मोहम्मद को परीक्षा में बैठने की मंजूरी नहीं देने व बोनाफाइड सर्टिफिकेट जारी नहीं करने पर निम्स यूनिवर्सिटी व प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए छात्र की ओर से याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि वह निम्स विश्वविद्यालय से पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक कर रहा था. उसके खिलाफ नारकोटिक्स कानून में मुकदमा दर्ज होने के आधार पर विवि उसे परेशान कर रही थी और उसे परीक्षा में बैठने की मंजूरी नहीं दे रही थी. पीडित छात्र ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से कानूनी मदद मांगी थी. याचिका में कहा गया कि उसे नारकोटिक्स केस में तीन महीने जेल में रहना पड़ा था. इस कारण वह अगस्त में परीक्षा नहीं दे पाया.
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दरअसल वह यमन और भारत सरकार के बीच हुए समझौते के तहत वह भारत में रहकर पढ़ाई कर रहा है और विश्वविद्यालय की ओर से बोनाफाइड स्टूडेंट सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही उसको एफआरआरओ स्टे वीजा जारी होगा. उसे परीक्षा में शामिल नहीं कर उसके मानवीय व कानूनी अधिकार से वंचित किया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.