जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती में बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी डिग्रीधारी अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश राघवेंद्र और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एनएचएम योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के 6310 पदों के लिए भर्ती निकाली है. जिसमें बीएएमएस, जीएनएम और बीएससी नर्सिंग वाले अभ्यर्थी को ही शामिल किया जा रहा है. जबकि भारत सरकार की इस एनएचएम योजना में दूसरे राज्यों में बीएचएमएस डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को भी इस पद के लिए पात्र माना है.
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ऐसे में याचिकाकर्ताओं को इस भर्ती में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करने के आदेश देते हुए राज्य सरकार से मामले में जवाब तलब किया है.
अल्ट्रासाउंड पीजी डिप्लोमा कोर्स में प्रदेश के अभ्यर्थियों का 100 फीसदी आरक्षण अवैध घोषित
राजस्थान हाईकोर्ट ने अल्ट्रासाउंड पीजी डिप्लोमा कोर्स के एडमिशन में प्रदेश की कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों के 100 फीसदी आरक्षण को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया है. अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह संस्थानिक आधार पर प्रदेश के अभ्यर्थियों को आरक्षण दे सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार इसकी सीमा 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकती.