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परिजनों की मर्जी के खिलाफ किया निकाह: प्रेमी युगल को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश - Marriage against family consent case

राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर के कोतवाली थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह परिजनों की मर्जी के खिलाफ निकाह करने वाले प्रेमी जोड़े को सुरक्षा मुहैया (High court orders police to provide security to couple) कराए. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश अफसार बानो और इंशाद सलमानी की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह आदेश किसी अन्य सिविल और आपराधिक मामले के अनुसंधान में रुकावट नहीं बनेगा.

High court orders police to provide security to couple
परिजनों की मर्जी के खिलाफ किया निकाह: प्रेमी युगल को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश
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Published : Apr 23, 2022, 4:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर के कोतवाली थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह परिजनों की मर्जी के खिलाफ निकाह करने वाले प्रेमी जोड़े को सुरक्षा मुहैया (High court orders police to provide security to couple) कराए. अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह याचिका की कॉपी संबंधित दस्तावेजों के साथ संबंधित थाने में भेजे और थानाधिकारी इसे बतौर शिकायत मानते हुए प्रकरण की जांच करे व कानूनी प्रावधानों पर युगल को सुरक्षा दें.

जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश अफसार बानो और इंशाद सलमानी की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह आदेश किसी अन्य सिविल और आपराधिक मामले के अनुसंधान में रुकावट नहीं बनेगा. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने गत 9 अप्रैल को अपने परिजनों की मर्जी के खिलाफ जाकर निकाह किया था. दोनों के परिजन इस निकाह से नाराज हैं और अब याचिकाकर्ताओं को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. ऐसे में उनके जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया है. इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कोतवाली थानाधिकारी को नियमानुसार याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर के कोतवाली थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह परिजनों की मर्जी के खिलाफ निकाह करने वाले प्रेमी जोड़े को सुरक्षा मुहैया (High court orders police to provide security to couple) कराए. अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह याचिका की कॉपी संबंधित दस्तावेजों के साथ संबंधित थाने में भेजे और थानाधिकारी इसे बतौर शिकायत मानते हुए प्रकरण की जांच करे व कानूनी प्रावधानों पर युगल को सुरक्षा दें.

जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश अफसार बानो और इंशाद सलमानी की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह आदेश किसी अन्य सिविल और आपराधिक मामले के अनुसंधान में रुकावट नहीं बनेगा. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने गत 9 अप्रैल को अपने परिजनों की मर्जी के खिलाफ जाकर निकाह किया था. दोनों के परिजन इस निकाह से नाराज हैं और अब याचिकाकर्ताओं को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. ऐसे में उनके जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया है. इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कोतवाली थानाधिकारी को नियमानुसार याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है.

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