जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आमेर के पुनाना गांव में जोहड और चारागाह की जमीन पर हुए अतिक्रमण को लेकर कलेक्टर को तीन माह में कार्रवाई करने को कहा है. अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस संबंध में कलेक्टर को प्रार्थना पत्र पेश करे. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश श्रवण जाट की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि याचिकाकर्ता ने गांव की सरकारी चारागाह भूमि और जोहड़ पर अतिक्रमण को लेकर एसडीओ से शिकायत की थी. लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में आदेश जारी कर हर जिला कलेक्टर को विशेष सेल बनाकर अतिक्रमण पर कार्रवाई को कहा था. इसके बावजूद भी प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर को तीन माह में अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण को कहा- ट्रांसफर से संबंधित याचिकाओं पर जल्दी सुनवाई की जाए
राजस्थान हाईकोर्ट ने सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण को कहा है कि वह ट्रांसफर के संबंध में दायर होने वाली अपीलों पर जल्दी सुनवाई करे. साथ ही यदि आवश्यक हो तो सुनवाई के लिए दो बेंच गठित की जाएं. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश नीलिमा छाबड़ा व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
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वहीं अदालत ने कहा कि अधिकरण की ओर से सुनवाई नहीं होने तक याचिकाकर्ताओं को मौजूदा जगह से रिलीव नहीं किया जाए. याचिकाओं में कहा गया था कि उन्होंने अपने ट्रांसफर आदेश को अधिकरण में चुनौती दी थी. लेकिन वहां उसकी अपील पर सुनवाई ही नहीं हो पा रही है. जबकि अधिकरण का गठन ही मामलों की जल्दी सुनवाई के लिए हुआ था. ट्रांसफर प्रकरण जरुरी प्रकृति के होते हैं और उन्हें लंबे समय तक के लिए लंबित नहीं रखा जा सकता. इसलिए ऐसे मामलों की जल्दी सुनवाई के निर्देश दिए जाएं.