जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बाईस गोदाम रेलवे ट्रेक से महेश कॉलोनी तक की 3.5 किमी लंबी रोड पर स्थित करीब एक दर्जन कॉलोनियों को राहत देते हुए अदालत के 19 मई, 2017 के उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें इस रोड की चौड़ाई सौ फीट मानते हुए इस सीमा में आ रहे निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया (High court on encroachment between Bais Godam and Mahesh colony) था. जस्टिस अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश नरेन्द्र सिंह खींची की याचिका में स्थानीय निवासियों की ओर से पूर्व में दिए गए आदेश को वापस लेने के संबंध में पेश प्रार्थना पत्रों को मंजूर करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि इस मामले में केवल याचिका में बताए गए निजी पक्षकारों के अतिक्रमणों को हटाए जाने का आदेश दिया जाना चाहिए था, लेकिन सड़क की चौड़ाई सौ फीट मानते हुए उसकी सीमा में आ रहे सभी अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया गया. यदि पूर्व में कोई आदेश सामान्य तौर पर भी देना था, तो अदालत को उसके सभी परिणामों पर भी विचार करना चाहिए था. सुनवाई के दौरान स्थानीय निवासियों की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने याचिका में केवल गणेश कॉलोनी, ईमली वाला फाटक के भूखंड संख्या 9 व 10 के अतिक्रमण हटाए जाने का ही आग्रह किया था. ऐसे में अदालत को अपना पूर्व में दिया आदेश वापस लेना चाहिए.
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याचिकाकर्ता स्वयं ने भी मौके पर अतिक्रमण कर रखा है. इसके अलावा उन्होंने जेडीए से नियमानुसार अपने भूखंडों को नियमित भी करवाया था, लेकिन अदालत ने सड़क की चौड़ाई 100 फीट मानते हुए इसकी जद में आ रहे सभी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दे दिया. वहीं जेडीए की ओर से कहा गया कि पूर्व में सड़क की चौड़ाई अलग-अलग तय करते हुए लीज डीड जारी की है. वहीं 2025 के जोनल मास्टर प्लान के तहत 2018 में सर्वे करवाया था और अब सभी निर्णय हाईकोर्ट के मास्टर प्लान वाले मामले में दिए गए फैसले के अनुसार ही होंगे, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अपने वर्ष 2017 के आदेश को वापस ले लिया है.