जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी (FSO) के नवसृजित 200 पदों के लिए निकाले गए भर्ती विज्ञापन पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगा (Court interim stays on any action in FSO Bharti) दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और खाद्य सुरक्षा आयुक्त को नोटिस जारी कर 18 जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है.
जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश प्रदीप शर्मा की याचिका पर दिए. अदालत ने मामले में महाधिवक्ता को कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि भर्ती विज्ञापन स्पष्ट और नियमानुसार सही हो. इसके अलावा उनमें नियमानुसार भर्ती को लेकर प्रावधान किए गए हों, ताकि कोर्ट में मामला आने पर भर्तियां अटके नहीं. अदालत ने कहा कि एक लाख भर्तियां देने की बात कही जा रही है, लेकिन 80 हजार कोर्ट में ही अटक जाती हैं. याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने गत 25 अप्रैल को खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 200 नवसृजित पदों के लिए अलग-अलग विभागों में काम कर रहे कार्मिकों से आवेदन मांगे.
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विज्ञापन में कहा गया कि नियमित नियुक्ति से खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं आने तक इन्हें नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया. वहीं प्रशिक्षण को छोड़कर शैक्षणिक योग्यता रखने वालों को इसमें आवेदन करने को कहा गया. याचिका में कहा गया कि एफएसओ पद की पात्रता केन्द्र सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2016 के नियम के तहत तय की गई है, जिसमें शैक्षणिक योग्यता के साथ ही फूड सेफ्टी ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त होना जरूरी है.
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वहीं स्वास्थ्य विभाग के वर्ष 1965 के नियम के तहत भी प्रशिक्षण प्राप्त होना जरूरी है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने प्रशिक्षण की अनिवार्य योग्यता को ही हटा दिया. याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ पूर्व में भी राज्य सरकार के ऐसे प्रयासों को गैर कानूनी घोषित कर चुका है. इसके बावजूद राज्य सरकार फिर से अपात्रों को नियुक्ति देने जा रही है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ भर्ती विज्ञापन पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.