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हाई कोर्ट ने NRHM कर्मचारियों से लॉयल्टी बोनस की वसूली पर लगाई रोक - NRHM कर्मचारियों से बोनस की वसूली

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए एनआरएचएम में संविदा पर लगे याचिकाकर्ता कर्मचारियों को दी गई लॉयल्टी बोनस की वसूली पर रोक लगा दी है. साथ ही इन कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगाई है.

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लॉयल्टी बोनस की वसूली पर रोक
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Published : May 29, 2020, 7:40 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एनआरएचएम में संविदा पर लगे याचिकाकर्ता कर्मचारियों को दी गई लॉयल्टी बोनस की वसूली पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने इन कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर भी रोक लगाई है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश सीताराम शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

ये पढ़ें: पोस्टर के जरिए वसुंधरा राजे को बदनाम करने की साजिश, वो जन जन की नेता हैंः कालीचरण सराफ

याचिका में अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एनआरएचएम योजना के तहत संविदा पर वर्ष 2008 से भीलवाड़ा में काम कर रहे हैं. वर्ष 2018 में मानदेय बढ़ोतरी को लेकर हुई हड़ताल के बाद स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने एनआरएचएम कर्मचारियों को लॉयल्टी बोनस देना तय किया. इसकी पालना में विभाग ने सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर बोनस जारी कर दिया.

ये पढ़ें: नागौर: खानपुरा मांजरा में मरने के बाद भी मुसीबत बनी टिड्डियां, तालाब का पानी दूषित होने का खतरा

वहीं दूसरी ओर विभाग ने 23 मई, 2019 को आदेश जारी कर बोनस को बिना राज्य सरकार की सहमति के देना बताकर रिकवरी निकाल दी और सभी ब्लॉक सीएमएचओ को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि विभाग के मंत्री की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने बोनस जारी किया था. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि इसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं थी. इसलिए उनसे की जा रही रिकवरी पर रोक लगाई जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एनआरएचएम में संविदा पर लगे याचिकाकर्ता कर्मचारियों को दी गई लॉयल्टी बोनस की वसूली पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने इन कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर भी रोक लगाई है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश सीताराम शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिका में अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एनआरएचएम योजना के तहत संविदा पर वर्ष 2008 से भीलवाड़ा में काम कर रहे हैं. वर्ष 2018 में मानदेय बढ़ोतरी को लेकर हुई हड़ताल के बाद स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने एनआरएचएम कर्मचारियों को लॉयल्टी बोनस देना तय किया. इसकी पालना में विभाग ने सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर बोनस जारी कर दिया.

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वहीं दूसरी ओर विभाग ने 23 मई, 2019 को आदेश जारी कर बोनस को बिना राज्य सरकार की सहमति के देना बताकर रिकवरी निकाल दी और सभी ब्लॉक सीएमएचओ को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि विभाग के मंत्री की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने बोनस जारी किया था. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि इसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं थी. इसलिए उनसे की जा रही रिकवरी पर रोक लगाई जाए.

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