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राहुल गांधी की सभा के संबंध में मौखिक प्रार्थना पर सुनवाई से इंकार, हाईकोर्ट ने प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा - युवा आक्रोश रैली

राजस्थान हाईकोर्ट ने रामनिवास बाग में राहुल गांधी की सभा को अदालती आदेश की अवमानना बताते हुए मामले में दखल देने की वकील की मौखिक प्रार्थना को मानने से इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि अधिवक्ता चाहे तो इस संबंध में लिखित में प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट न्यूज, Rajasthan High Court News
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jan 28, 2020, 9:59 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रामनिवास बाग में राहुल गांधी की सभा को अदालती आदेश की अवमानना बताते हुए मामले में दखल देने की वकील की मौखिक प्रार्थना को मानने से इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि अधिवक्ता चाहे तो इस संबंध में लिखित में प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं.

पढ़ें- दारा एनकाउंटर केस: राजेन्द्र राठौड़ को बड़ी राहत, FIR दर्ज करने का आदेश रद्द

अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ की खंडपीठ के समक्ष मौखिक रूप से कहा कि हाईकोर्ट ने 21 मार्च 2007 को बरडिया कॉलोनी विकास समिति बनाम रामचंद कासलीवाल के मामले में रामनिवास बाग और अल्बर्ट हॉल के पास सभा करने पर रोक लगाई थी. इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से 28 जनवरी को राहुल गांधी की सभा के लिए अनुमति दी गई है. यह न्यायालय की अवमानना है. ऐसे में अदालत प्रकरण में दखल दे. इस पर अदालत ने मौखिक प्रार्थना पर सुनवाई से इंकार करते हुए लिखित में प्रार्थना पत्र पेश करने की छूट दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रामनिवास बाग में राहुल गांधी की सभा को अदालती आदेश की अवमानना बताते हुए मामले में दखल देने की वकील की मौखिक प्रार्थना को मानने से इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि अधिवक्ता चाहे तो इस संबंध में लिखित में प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं.

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अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ की खंडपीठ के समक्ष मौखिक रूप से कहा कि हाईकोर्ट ने 21 मार्च 2007 को बरडिया कॉलोनी विकास समिति बनाम रामचंद कासलीवाल के मामले में रामनिवास बाग और अल्बर्ट हॉल के पास सभा करने पर रोक लगाई थी. इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से 28 जनवरी को राहुल गांधी की सभा के लिए अनुमति दी गई है. यह न्यायालय की अवमानना है. ऐसे में अदालत प्रकरण में दखल दे. इस पर अदालत ने मौखिक प्रार्थना पर सुनवाई से इंकार करते हुए लिखित में प्रार्थना पत्र पेश करने की छूट दी है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने रामनिवास बाग में राहुल गांधी की सभा को अदालती आदेश की अवमानना बताते हुए मामले में दखल देने की वकील की मौखिक प्रार्थना को मानने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि अधिवक्ता चाहे तो इस संबंध में लिखित में प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं।Body:हुआ यूं की अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ की खंडपीठ के समक्ष मौखिक रूप से कहा कि हाईकोर्ट ने 21 मार्च 2007 को बरडिया कॉलोनी विकास समिति बनाम रामचंद कासलीवाल के मामले में रामनिवास बाग और अल्बर्ट हॉल के पास सभा करने पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से 28 जनवरी को राहुल गांधी की सभा के लिए अनुमति दी गई है। यह न्यायालय की अवमानना है। ऐसे में अदालत प्रकरण में दखल दे। इस पर अदालत ने मौखिक प्रार्थना पर सुनवाई से इंकार करते हुए लिखित में प्रार्थना पत्र पेश करने की छूट दी है।
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