जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में संविदा पर तैनात सुरक्षा गार्ड को न्यूनतम वेतन नहीं देने पर प्रमुख ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज्य सचिव और करौली जिला परिषद के सीईओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गोड की एकलपीठ ने यह आदेश रविंद्र चंद्र की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2014 में सपोटरा पंचायत समिति में संविदा पर सुरक्षा गार्ड तैनात हुआ था. तब से उसे न्यूनतम वेतन 5538 के स्थान पर 3822 रुपए ही दिए जा रहे हैं. जबकि श्रम और पंचायत राज विभाग ने विभिन्न पदों पर कार्यरत संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन देने के निर्देश दे रखे हैं. याचिका में यह भी कहा गया कि उसकी तरह तैनात दूसरे कुछ सुरक्षाकर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं.
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हाईकोर्ट सीजे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक स्थगित
राजस्थान हाईकोर्ट मुख्यपीठ में कोरोना संक्रमित कर्मचारी मिलने के बाद गत शुक्रवार को कोर्ट में न्यायिक कार्य स्थगित कर दिया गया जिसके बाद गुरूवार को न्यायाधीश के निजी सचिव की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटीव पाए गए और आनन-फानन में एक दिन के लिए कार्य स्थगित कर दिया गया था.
अब सीजे की अध्यक्षता में राजस्थान हाईकोर्ट की आगे की कार्य व्यवस्था को तय करने के लिए सोमवार यानी 13 जुलाई को सभी न्यायाधीशों, महाधिवक्ता, बीसीआर सदस्य और हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघों के अध्यक्षों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होगी.