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हाईकोर्ट ने दी नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात की अनुमति - दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात की अनुमति

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात करवाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए, गर्भपात की अनुमति दी है. वहीं अलवर जिले के राजगढ़ थाना अधिकारी को गर्भपात करवाने के संबंध में मेडिकल बोर्ड बनाने और डॉक्टरों की देखरेख में गर्भपात करवाने के निर्देश दिए हैं.

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दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात की अनुमति
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Published : Apr 2, 2020, 9:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर जिले में नाबालिग का अपहरण कर उससे दुष्कर्म कर गर्भवती करने के मामले में पीड़िता के गर्भपात की मंजूरी देते हुए उसका भ्रूण सुरक्षित रखने के लिए कहा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता और उसके भाई की ओर से दायर याचिका पर दिया.

अदालत ने अलवर जिले के राजगढ़ थाना अधिकारी को कहा है कि, वह पीड़िता को सीएमएचओ अलवर के समक्ष उपस्थित करें, वहीं सीएमएचओ पीड़िता का गर्भपात करवाने के संबंध में मेडिकल बोर्ड बनाए और डॉक्टरों की देखरेख में गर्भपात किया जाए. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश हुई. जिसमें बताया गया कि पीड़िता 14 सप्ताह और 5 दिन की गर्भवती है. इस पर अदालत ने गर्भपात के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए.

ये पढ़ेंः टोंक में 4 Corona Positive केस, डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने VC कर अधिकारियों को दिए निर्देश

गौरतलब है कि पीड़िता और उसके भाई ने अदालत में याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी. याचिका में कहा गया था कि उसका अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था. पुलिस ने पीड़िता को हरियाणा से बरामद किया था. इस दौरान पता चला कि वह गर्भवती हो गई है. ऐसे में उसकी भविष्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर जिले में नाबालिग का अपहरण कर उससे दुष्कर्म कर गर्भवती करने के मामले में पीड़िता के गर्भपात की मंजूरी देते हुए उसका भ्रूण सुरक्षित रखने के लिए कहा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता और उसके भाई की ओर से दायर याचिका पर दिया.

अदालत ने अलवर जिले के राजगढ़ थाना अधिकारी को कहा है कि, वह पीड़िता को सीएमएचओ अलवर के समक्ष उपस्थित करें, वहीं सीएमएचओ पीड़िता का गर्भपात करवाने के संबंध में मेडिकल बोर्ड बनाए और डॉक्टरों की देखरेख में गर्भपात किया जाए. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश हुई. जिसमें बताया गया कि पीड़िता 14 सप्ताह और 5 दिन की गर्भवती है. इस पर अदालत ने गर्भपात के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए.

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गौरतलब है कि पीड़िता और उसके भाई ने अदालत में याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी. याचिका में कहा गया था कि उसका अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था. पुलिस ने पीड़िता को हरियाणा से बरामद किया था. इस दौरान पता चला कि वह गर्भवती हो गई है. ऐसे में उसकी भविष्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए.

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