जयपुर. फायर फाइटिंग सिस्टम आम जनता के जीवन से जुड़ा हुआ है. आलम ये है कि कई अस्पताल, बड़े-बड़े होटल, रेस्टोरेंट्स यहां तक की सरकारी संस्थानों तक में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है. जिसके कारण हेरिटेज नगर निगम ने इन्हें नोटिस देते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. चीफ फायर ऑफिसर देवेंद्र मीणा ने बताया कि फायर एनओसी (Fire NOC case in jaipur) नहीं होने पर करीब 1600 संस्थानों को नोटिस दिए गए हैं. इनमें वो संस्थान भी शामिल हैं जिनके पास पहले फायर एनओसी थी लेकिन रिन्यू नहीं कराई गई, या फिर फायर सिस्टम को अपडेट नहीं किया.
फायर एनओसी नहीं लेने वाली बिल्डिंग सीज: प्रदेश में एक साथ 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने वाली कमर्शियल बिल्डिंग के पास फायर एनओसी होना जरूरी है. फायर एनओसी को लेकर 2 साल पहले राज्य सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन भी जारी की थी. जिसके बाद अब राजधानी के नगर निगम आमजन की सुरक्षा और निगम के रेवेन्यू सोर्स की खातिर इस तरह की कमर्शियल बिल्डिंग को नोटिस थमा रहा है. इस क्रम में फायर एनओसी नहीं लेने वाली बिल्डिंग को सीज (building with no fire noc siezed in jaipur) भी किया जा रहा है. हाल ही में 7 बिल्डिंग को सीज किया गया है.
उन्होंने बताया कि निगम की सख्ती के बाद अब सरकारी संस्थान भी इसे लेकर आवेदन कर रहे हैं. इसमें सेटेलाइट अस्पताल और आयुर्वेदिक अस्पताल भी शामिल हैं. पूरे शहर का सर्वे कराया गया है, जिसमें ऊंची इमारतें, जर्जर भवन, आतिशबाजी की दुकानें, स्कूल, कोचिंग सेंटर, होटल, कच्चे नाले / तालाब और पेट्रोल पंप शामिल है.
फायर एनओसी को लेकर किस जोन में दिए कितने नोटिस:
सिविल लाइन जोन | 550 |
आदर्श नगर जोन | 460 |
हवामहल-आमेर जोन | 300 |
किशनपोल जोन | 290 |
रूफटॉप के लिए नियम सख्त: वहीं रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को लेकर के भी उन्होंने स्पष्ट किया कि, 2020 में रूफटॉप रेस्टोरेंट को लेकर काफी सख्त नियम बनाए गए थे. जिनका पालना बहुत कम रूफटॉप कर पा रहे हैं. इसकी भी एक अलग सर्वे रिपोर्ट तैयार कर स्वायत्त शासन विभाग को दिया जाएगा. साथ ही इनके लिए अस्थाई फायर एनओसी जारी करने की भी अपील की जाएगी. वहीं नियमों में जो खामियां हैं, उन्हें दूर करने के लिए विधि शाखा को भी लिखा गया है. इसके साथ ही हेरिटेज नगर निगम की ओर से आगरा रोड पर एक नया फायर स्टेशन शुरू करने का प्रपोजल भी भेजा गया है. आपको बता दें कि प्रदेश में 15 मीटर (G+3) से ज्यादा बने आवासीय भवनों को भी फायर एनओसी लेना जरूरी है. हालांकि फिलहाल व्यवसायिक संस्थानों पर ही सख्ती की जा रही है.