जयपुर. जयपुर हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय का काम अपने अंतिम फेज में चल रहा है. यहां ग्राउंड फ्लोर पर 83 और पहली मंजिल पर 93 कमरों को रिनोवेट किया गया है. मुख्यालय के एक्सईएन शेर सिंह चौधरी और एईएन बलबीर जैन के अनुसार जो कमरे अटैच वॉशरूम वाले हैं, उन्हें उच्च अधिकारियों और मेयर-डिप्टी मेयर के लिए रिजर्व कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार कमरा नंबर 101 में हेरिटेज नगर निगम की महापौर बैठेंगी. जबकि उप महापौर के लिए कमरा नंबर 176, कमिश्नर के लिए कमरा नंबर 201 और एडिशनल कमिश्नर के लिए कमरा नंबर 174 आरक्षित किया गया है. इसके अलावा 202 से 206 डिप्टी कमिश्नर बैठ सकेंगे. हालांकि यहां साधारण सभा की बैठक के लिए सदन की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से फिलहाल पार्षदों को ग्रेटर निगम मुख्यालय ही जाना पड़ेगा.
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वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत में हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर लोक बंधु ने बताया कि पिछले कुछ समय से काफी तेज गति से यहां काम हुआ है और उम्मीद है कि अगले 3 से 4 दिन में ये काम पूरा कर लिया जाएगा. चूंकि अब दो अलग-अलग निगम बन गए हैं. ऐसे में दो अलग-अलग बोर्ड होंगे. यही वजह है कि इलेक्शन से पहले शिफ्ट करना ही है. कुछ जगह कमी जरूर देखने को मिली है, जिसके लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि ये एक हेरिटेज स्ट्रक्चर है, ऐसे में यहां ज्यादा बदलाव नहीं किए जा सकते थे. पुराने पीएचक्यू के मद्देनजर जो मीटिंग हॉल बना हुआ था. उसे ही और बेहतर और बड़ा किया गया है, जिसमें तकरीबन 125 लोग एक बार में बैठ सकेंगे. लेकिन फिलहाल कोविड-19 की वजह से यहां कम ही लोग बैठ सकेंगे.
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ऐसे में यहां कोई नया स्ट्रक्चर बनाने के लिए अनुमति ली जाएगी. कमिश्नर लोकबंधु ने बताया कि काम लगभग पूरा हो चुका है. कुछ जगह फिनिशिंग और सफाई की आवश्यकता है. इसके बाद अधिकारी-कर्मचारियों के यहां शिफ्ट होने के बाद ही दूसरी कमियों को दूर किया जा सकेगा. हेरिटेज स्ट्रक्चर होने के चलते यहां गैलरी छोटी है, और दरवाजे बाहर की तरफ खुलते हैं. जिन्हें अंदर खोलने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.
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इसी भवन में सौंदर्यीकरण के लिए फाउंटेन और गार्डन का काम किया गया है. फिलहाल, पार्किंग परिसर के बड़े बरामदे में हो सकेगी. हेरिटेज कमिश्नर के अनुसार काम पूरा होने के साथ ही विभाग से अनुमति लेकर यहां शिफ्ट होने की कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल, हेरिटेज लुक को बरकरार रखते हुए हेरिटेज नगर निगम परिसर को डेवलेप किया गया है. हालांकि यहां मरम्मत का कुछ काम चूने की बजाय सीमेंट के मिश्रण से किया गया है, जो कुछ सवाल जरूर खड़े कर रहा है.