जयपुर. प्रदेश में ठंड तेज हो गयी है, जिसके चलते जयपुर का न्यूनतम पारा 6 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसे में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. बता दें कि सर्दियों के मौसम के अनुसार वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है.
डाइट में दो बॉईल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शाकाहारी वन्यजीवों को गाजर के साथ दाने की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. इसी के साथ बर्ड्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मेडिसिन दी जा रही है. वही रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी की गई है, क्योंकि सर्दियों में इन वन्यजीवों का मेटाबॉलिज्म पचाने की क्षमता कम हो जाती है.
वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि सर्दी तेज हो चुकी है ऐसे में वन्यजीवों को रेस्ट्रोबोल नामक एंटी स्ट्रेस दवाई आती है जो सभी बिग कैट्स को दी जा रही है. इसके अलावा वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए सभी वन्यजीवों के एंक्लोजर में हीटर लगाए गए हैं. शाम को 5 बजे से सुबह 9 बजे तक एंक्लोजर में हीटर लगा दिया जाते हैं.
वहीं दिन में सभी वन्यजीवों को बारी-बारी से बाहर छोड़ा जा रहा है ताकि धूप की तपन मिल सके. शुक्रवार को बिग कैट्स का उपवास होता है लेकिन इस दिन भी उन्हें डाइट दी जा रही है. इसके साथ ही बॉयल्ड एग दिए जा रहे हैं. सभी एंक्लोजर के बाहर पर्दे लगाए गए हैं ताकि ठंडी हवा अंदर नहीं जा सके.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि सर्दियों के मौसम के अनुसार वन्यजीवों की डाइट में परिवर्तन किया गया है. इसके साथ ही सर्दी से बचाने के लिए वन्यजीवों के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं. डाइट में भालू को शहद की मात्रा 100 ग्राम बढ़ा दी गई है, और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शक्कर की जगह गुड दिया जा रहा है. रोटी के साथ गर्म दूध और दो अंडे बॉईल करके दिए जा रहे हैं.
लॉयन, पैंथर और टाइगर को दो-दो बॉयल अंडे दिए जा रहे है. सभी वन्यजीवों के पिंजरे में पराल डालना शुरू किया गया है, जिससे वन्यजीवों को थोड़ी गर्माहट महसूस होगी. बड़े वन्यजीवों के पिंजरे में हीटर लगाए गए हैं, ताकि उनको सर्दी से बचाया जा सके. इसके साथ ही पिंजरे के बाहर और अंदर पर्दे लगा दिए गए हैं. ताकि ठंडी हवाओं का वन्यजीवो पर सीधा असर ना पड़े.