जयपुर. विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए गए अयोग्यता के नोटिस को चुनौती देने के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ मेें दोपहर एक बजे सुनवाई होगी. सचिन पायलट के समर्थक पृथ्वीराज मीणा सहित 19 विधायकों ने याचिका में स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस की संवैधानिकता को चुनौती दी है.
इससे पहले गुरुवार को सचिन सहित समर्थित विधायकों ने स्पीकर की कार्रवाई को एकलपीठ के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन सुनवाई के दौरान ही पायलट की ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वे याचिका में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दायर करना चाहते हैं क्योंकि प्रार्थी MLA विधानसभा स्पीकर की ओर से दिए अयोग्यता के नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं. ऐसे में मामले की सुनवाई खंडपीठ की ओर से की जानी चाहिए.
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वहीं, स्पीकर और विधानसभा सचिव की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी व एमएस सिंघवी ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाए. जिस पर एकलपीठ ने दोनों पक्षों को सुनकर प्रार्थी एमएलए को याचिका में संशोधन करने की मंजूरी दी.
सचिन पायलट गुट की दलील
सचिन पायलट गुट की ओर से एकलपीठ के समक्ष यह भी दलील दी गई कि कांग्रेस विधायक दल की 2 बैठकों में ना रहने से दलबदलू कानून लागू नहीं हो जाता है. संविधान की 10वीं अनुसूची के मुताबिक दलबदल विरोधी कानून लगाया जा सकता है, अगर सदस्य स्वैच्छिक तौर पर पार्टी को छोड़ देता है या फिर विधानसभा में पार्टी के आदेश के विपरीत वोट करता है.
इन्होंने दी है स्पीकर की कार्रवाई को चुनौती
हाईकोर्ट में स्पीकर के अयोग्यता के नोटिस को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित विधायक पीआर मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, विश्वेन्द्र सिंह, दीपेन्द्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, जी खटाना, इन्द्रराज, गजेन्द्र सिंह शक्तावत, हेमाराम चौधरी, रामनिवास गावरिया, अमर सिंह, बृजेन्द्र सिंह ओला, मुरारी लाल मीना, मुकेश कुमार भाकर, राकेश पारख, हरीश मीना और रमेश चंद मीणा शामिल हैं. याचिका में विधानसभा स्पीकर और सचिव सहित सीपी जोशी को पक्षकार बनाया है.