जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में मंगलवार को बहस अधूरी रही. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 16 दिसंबर को जारी रखने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार व अन्य की अपील पर दिए.
सुनवाई के दौरान अदालत के पूछने पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने कहा कि सरकार को फीस नियामक कानून और आपदा अधिनियम सहित अनुच्छेद 162 के साथ ही महामारी कानून के तहत फीस तय करने का अधिकार है. अदालती आदेश की पालना में गत 28 अक्टूबर को सरकार ने सभी पक्षों को सुनकर फीस तय की है. इसके बावजूद भी यदि अदालत चाहे तो फीस नियामक कानून के तहत बनी फीस निर्धारण कमेटी से फीस निर्धारित करवा सकती है.
हालांकि, इस कमेटी में ऐसे अभिभावक शामिल किए जाए, जो सीए या ऑडिट के काम से जुडे हो, ताकि कोरोना में स्कूल के खर्चे को तय कर सकें. वहीं स्कूल एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार को फीस तय करने का अधिकार नहीं है. ऑनलाइन कक्षाओं के चलते उनका खर्चो भी बढ़ गया है. ऐसे में उन्हें पूरी फीस वसूलने का अधिकार है. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई बुधवार को तय की है.