जयपुर. ग्रेटर नगर निगम (Jaipur Municipal Corporation) की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर को निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सौम्या गुर्जर की याचिका पर सुनवाई करते हुए निलंबन पर रोक नहीं लगाई बल्कि राज्य सरकार (Rajasthan Government) को कहा है कि वह प्रकरण में चल रही न्यायिक जांच को जल्दी पूरा किया जाए.
अदालत ने मामले की सुनवाई एक माह के लिए टाल दी है. सौम्या गुर्जर ने एसएलपी में हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) के पिछले 28 जून के आदेश को चुनौती दी है. जिसमें हाईकोर्ट ने सौम्या की याचिका खारिज कर दी थी. सौम्या की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नगर निगम कमिश्नर की ओर से मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर में ऐसा कोई गंभीर आधार नहीं है कि अपीलार्थी को मेयर पद से निलंबित किया जाता.
यह भी पढ़ें. दीया कुमारी ने महिला अत्याचार पर गहलोत को घेरा, कहा- जब सांसद सुरक्षित नहीं तो जनता का क्या होगा?
एसएलपी ने नगर पालिका अधिनियम की धारा 39 की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती देते हुए कहा कि अपीलार्थी का निलंबन गलत किया है. लिहाजा, निलंबन आदेश और न्यायिक जांच के आदेश को रद्द किया जाए.
राज्य सरकार की ओर से एएजी मनीष सिंघवी ने कहा कि अपीलार्थी का निलंबन राजनीतिक द्वेषता से नहीं किया है. राज्य सरकार की ओर से मामले में न्यायिक जांच की कार्रवाई जल्द की जा रही है और इसमें सहयोग किया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मामले की न्यायिक जांच जल्द पूरी करने को कहा है.