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जयपुर के तोपखाना स्थित मंदिर मामला, हाईकोर्ट ने कलेक्टर को दिए दिशा निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट ने जालूपुरा के तोपखाना स्थित मंदिर से जुड़े मामले में कलेक्टर को सुनिश्चित करने को कहा है कि याचिकाकर्ता के मंदिर आने-जाने में पुलिस अधिकारी बाधा नहीं डालें. वहीं मंदिर परिसर को सुरक्षित रखने के संबंध में रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं.

तोपखाना स्थित मंदिर से जुड़े मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Jun 7, 2019, 9:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जालूपुरा के तोपखाना स्थित मंदिर से जुड़े मामले में कलेक्टर को सुनिश्चित करने को कहा है कि याचिकाकर्ता के मंदिर आने-जाने में पुलिस अधिकारी बाधा नहीं डालें. इसके साथ ही कोर्ट ने आवश्यक कार्रवाई के लिए तहसीलदार या अन्य अधिकारी को नियुक्त करने को भी कहा है. वहीं कोर्ट ने मंदिर परिसर को सुरक्षित रखने के संबंध में रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश रामबाबू शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि पूर्व में संचालित दरबार स्कूल परिसर के पास 200 साल पुराना शेषनाग और भोमिया जी का मंदिर है. मंदिर की देखभाल पूर्व में याचिकाकर्ता की मां करती थी. वहीं गत वर्ष जून माह में मंदिर की देखभाल के लिए अलग से केयरटेकर लगाया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि डीजीपी की पत्नी एक एनजीओ चलाती हैं. जिसके चलते मंदिर पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है. गत 26 अप्रैल को सादा वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने केयरटेकर से मारपीट कर उसे बाहर फेंक दिया. घटना को लेकर अगले दिन पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जालूपुरा के तोपखाना स्थित मंदिर से जुड़े मामले में कलेक्टर को सुनिश्चित करने को कहा है कि याचिकाकर्ता के मंदिर आने-जाने में पुलिस अधिकारी बाधा नहीं डालें. इसके साथ ही कोर्ट ने आवश्यक कार्रवाई के लिए तहसीलदार या अन्य अधिकारी को नियुक्त करने को भी कहा है. वहीं कोर्ट ने मंदिर परिसर को सुरक्षित रखने के संबंध में रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश रामबाबू शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि पूर्व में संचालित दरबार स्कूल परिसर के पास 200 साल पुराना शेषनाग और भोमिया जी का मंदिर है. मंदिर की देखभाल पूर्व में याचिकाकर्ता की मां करती थी. वहीं गत वर्ष जून माह में मंदिर की देखभाल के लिए अलग से केयरटेकर लगाया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि डीजीपी की पत्नी एक एनजीओ चलाती हैं. जिसके चलते मंदिर पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है. गत 26 अप्रैल को सादा वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने केयरटेकर से मारपीट कर उसे बाहर फेंक दिया. घटना को लेकर अगले दिन पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जालूपुरा के तोपखाना स्थित मंदिर से जुड़े मामले में कलेक्टर को सुनिश्चित करने को कहा है कि याचिकाकर्ता को वहां आने-जाने में पुलिस अधिकारी बाधा नहीं डालें। इसके साथ ही अदालत ने आवश्यक कार्रवाई के लिए तहसीलदार या अन्य अधिकारी को नियुक्त करने को भी कहा है। वहीं अदालत ने मंदिर परिसर को सुरक्षित रखने के संबंध में रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश एसपी शर्मा की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश रामबाबू शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:याचिका में कहा गया कि पूर्व में संचालित दरबार स्कूल परिसर के पास 200 साल पुराना शेषनाग और भोमिया जी का मंदिर है। मंदिर की देखभाल पूर्व में याचिकाकर्ता की मां करती थी। वहीं गत वर्ष जून माह में मंदिर की देखभाल के लिए अलग से केयरटेकर लगाया गया। याचिका में आरोप लगाया गया कि डीजीपी की पत्नी एक एनजीओ चलाती हैं। जिसके चलते मंदिर पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। गत 26 अप्रैल को सादा वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने केयरटेकर से मारपीट कर उसे बाहर फेंक दिया। घटना को लेकर अगले दिन पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।


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