जयपुर. राजधानी जयपुर में हाथियों की कोरोना जांच के लिए हाथी गांव में तीन दिवसीय मेडिकल चेकअप कैंप लगाया गया है. आमेर में करीब 90 हाथी हैं, इन सभी हाथियों का मेडिकल चेकअप कैंप में कोरोना जांच के साथ ही अन्य स्वास्थ्य परीक्षण भी किए जा रहे है. ये मेडिकल कैंप वन विभाग की ओर से लगाया गया है.
हाथी गांव में मौजूद हाथियों के ब्लड सैंपल लेकर उनकी कोरोना जांच भी कराई जा रही है. सभी हाथियों के सैंपल लेकर जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही कोरोना की रिपोर्ट सामने आएगी. वैसे तो हर साल हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते विशेष तौर पर कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं, ताकि हाथियों में कोरोना संक्रमण ना फैल सके. स्वास्थ्य परीक्षण होने के बाद हाथियों को फिट और अनफिट होने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर नीरज शुक्ला के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने सभी हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. इस दौरान हाथी मालिकों को हाथियों की देखरेख संबंधित ट्रेनिंग भी दी गई, ताकि हाथियों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सके. वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की टीम हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. 6 जनवरी से 8 जनवरी तक हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया है, जिसमें हाथी गांव के सभी हाथियों का मेडिकल चेकअप किया जा रहा है. हाथियों के ब्लड सैंपल भी लिए गए हैं. कोरोना जांच के लिए सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे जा रहे है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हाथियों के स्वस्थ और अस्वस्थ होने का पता चल पाएगा.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में दौड़ेगी 1.5 किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक मालगाड़ी, PM दिखाएंगे हरी झंडी
बता दें, लॉक डाउन के दौरान चहल-पहल कम होने से हाथी सुस्त नजर आने लगे थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जयपुर में हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था. इसके बाद अब फिर से हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से साल में दो बार हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. स्वास्थ्य परीक्षण में हाथियों में टीबी, त्वचा में संक्रमण, पेट में कीड़ों की समस्या का भी परीक्षण किया जा रहा है.
वहीं, हाथियों की पहचान के लिए उनमें डिजिटल आइडेंटिफिकेशन की माइक्रोचिप लगाई गई है. ऐसे में सभी हाथियों की पहचान के लिए पहले उनके माइक्रोचिप से पुष्टि की जाती है. सभी हाथियों के सैंपल पशु चिकित्सालय जयपुर भेजे जा रहे हैं. परीक्षण में हाथियों की आंखों की जांच, पैरों की जांच, स्कीन की जांच और शरीर के घावों की भी जांच की गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन से हाथी को क्या प्रॉब्लम है. अगर किसी हाथी को कोई प्रॉब्लम है तो उसको इलाज दिया जाएगा. हाथियों के लिए कई दवाइयां निशुल्क दी गई हैं.
यह भी पढ़ेंः स्पेशल: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें थाने में शिकायत, पुलिस दिला सकती है ठगी गई राशि वापस
वन विभाग की ओर से हाथी मालिकों और महावतों को हाथियों की देखभाल और उनके स्वास्थ्य को मेंटेन रखने संबंधित जानकारियां दी गई हैं. इसके साथ ही हाथियों के खानपान, हाथी की दिनचर्या और नहलाने के बारे में भी बताया गया है. हाथियों के बीमार होने पर उनकी पहचान करने के तरीके भी सिखाये गए. मौसम परिवर्तन के साथ हाथियों को विशेष खानपान देने संबंधित जानकारियां भी दी गईं.