जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक बार फिर लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी ने दस्तक दी है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का इकलौता सफेद बाघ चीनू पिछले 6 दिनों से बीमार चल रहा है. बाघ ने 6 दिनों से खाना-पीना भी छोड़ रखा है. चीनू के बीमार होने से वन विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है. जिसके बाद वन्यजीव चिकित्सक व्हाइट टाइगर के इलाज में जुट गए हैं. टाइगर चीनू के इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड भी बनाया गया है.
वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर की देखरेख में व्हाइट टाइगर चीनू का इलाज (White Tiger Chinu of Nahargarh Biological Park) किया जा रहा है. 17 मार्च 2021 को व्हाइट टाइगर चीनू को उड़ीसा के नंदनकानन चिड़ियाघर से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था. टाइगर चीनू के स्वास्थ्य को लेकर वन विभाग के आला अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. चीनू को ड्रिप लगाई गई है और मेडिकल टेस्ट करवाया गया है. रिपोर्ट में किडनी में परेशानी की बात सामने आई है. जानकारों की माने तो लेप्टोस्पायरोसिस वायरस चूहे और नेवले के पेशाब से फैलता है.
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14 महीने में 9 बिग कैट्स की हो चुकी मौत: राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वर्ष 2020 और 2021 में 14 महीने के दौरान करीब 9 बिग कैट्स की मौत हो चुकी. लेप्टोस्पायरोसिस और कैनाइन डिस्टेंपर बीमारी की वजह से वन्यजीवों की मौतें हुई थी. बाघिन रंभा के शावक रिद्धि, शेरनी सुजैन और सफेद बाघिन सीता, बाघ शावक रुद्र, बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत हो चुकी है. कैनाइन डिस्टेंपर वायरस के कहर के चलते नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 19 सितंबर 2019 को एशियाटिक शेरनी सूजैन की भी मौत हुई थी.
सुजैन की प्रारंभिक जांच में आईवीआरआई की टीम ने कैनाइन डिस्टेंपर वायरस होने की पुष्टि की थी. इसके बाद 21 सितंबर 2019 को 10 महीने की बाघिन रिद्धि की मौत हो गई थी. इसके बाद 26 सितंबर को सफेद बाघिन सीता की मौत हो गई थी. 9 जून 2020 को बाघ शावक रुद्र, 10 जून 2020 बब्बर शेर सिद्धार्थ और 18 अक्टूबर 2020 को बब्बर शेर कैलाश की भी मौत हो चुकी है.