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राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के डीन को हाजिर होने के आदेश - डीन को हाजिर होने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के डीन के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. अदालत ने कहा कि आमतौर पर अवमानना के मामलों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी किए जाते हैं, लेकिन उनके पद को देखते हुए ऐसा आदेश नहीं दिया जा रहा है.

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Published : Oct 2, 2019, 8:33 PM IST

जयपुर. अदालती आदेश के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने रजिस्ट्रार, न्यायिक को निर्देश दिए हैं कि टेलीफोन के जरिए डीन को 4 अक्टूबर को अदालत में पेश होने की सूचना दें. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रशांत शर्मा की ओर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कपिल ने अदालत को बताया कि अदालती आदेश के बावजूद विवि के डीन पेश नहीं हुए हैं और ना ही उनकी ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र पेश किया गया है. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्रार न्यायिक को डीन की उपस्थिति के लिए निर्देश दिए.

पढ़ें: नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद राजस्थान में शुरू हुई क्रेडिट की सियासी लड़ाई, भाजपा ने लगाई अपने काम की मुहर

अवमानना याचिका में कहा गया है कि 6 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर संविदा पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर्स को हटाने पर रोक लगाई थी. इसके बावजूद याचिकाकर्ता का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया गया. वहीं गत 21 सितंबर को विवि ने गेस्ट फैकल्टी के तौर पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त करने का विज्ञापन जारी कर दिया.

जयपुर. अदालती आदेश के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने रजिस्ट्रार, न्यायिक को निर्देश दिए हैं कि टेलीफोन के जरिए डीन को 4 अक्टूबर को अदालत में पेश होने की सूचना दें. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रशांत शर्मा की ओर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कपिल ने अदालत को बताया कि अदालती आदेश के बावजूद विवि के डीन पेश नहीं हुए हैं और ना ही उनकी ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र पेश किया गया है. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्रार न्यायिक को डीन की उपस्थिति के लिए निर्देश दिए.

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अवमानना याचिका में कहा गया है कि 6 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर संविदा पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर्स को हटाने पर रोक लगाई थी. इसके बावजूद याचिकाकर्ता का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया गया. वहीं गत 21 सितंबर को विवि ने गेस्ट फैकल्टी के तौर पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त करने का विज्ञापन जारी कर दिया.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद आरटीयू के डीन के पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि आमतौर पर अवमानना के मामलों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी किए जाते हैं, लेकिन उनके पद को देखते हुए ऐसा आदेश नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही अदालत ने रजिस्ट्रार, न्यायिक को निर्देश दिए हैं कि टेलीफोन के जरिए डीन को 4 अक्टूबर को अदालत में पेश होने की सूचना दें। न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रशांत शर्मा की ओर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कपिल बाढ़दार ने अदालत को बताया कि अदालती आदेश के बावजूद विवि के डीन पेश नहीं हुए हैं और ना ही उनकी ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्रार न्यायिक को डीन की उपस्थिति के लिए निर्देश दिए। अवमानना याचिका में कहा गया है कि 6 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर संविदा पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर्स को हटाने पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद याचिकाकर्ता का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यु नहीं किया गया। वहीं गत 21 सितंबर को विवि ने गेस्ट फैकल्टी के तौर पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त करने का विज्ञापन जारी कर दिया।

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