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टाइगर संरक्षण को लेकर एसीएस गृह सचिव सहित अन्य अफसर तलब

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में टाइगर संरक्षण को लेकर प्रमुख वन सचिव सहित अन्य अफसरों को तलब किया है. वहीं, इस मामले में लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

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Published : Jul 29, 2019, 8:44 PM IST

hc on tiger protection, jaipur

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को 2 अगस्त को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश चन्द्रभाल सिंह व स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें: कोटा में निर्माणाधीन हॉस्टल के चौथी मंजिल से गिरने से दो मजदूरों की मौत

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एनटीसीए की सिफारिश के बाद भी राज्य सरकार ने टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन नहीं किया है. वहीं दूसरी ओर टाइगर मारे जा रहे हैं. बता दें कि टाइगर रिजर्व के कोर एरिया व पेरी-फेरी में गांव बसे हुए हैं. यहां रहने वाले ग्रामीणों के पास हथियार भी हैं, जो वन्य जीवों का शिकार करते हैं.

याचिका में कहा गया कि सरिस्का में शिकारियों पर कार्रवाई की जाए. वहीं टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जाए. इसके अलावा अवैध खनन को रोकने के साथ ही लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि रणथम्भौर, मुकन्दरा और सरिस्का में टाइगर संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने भी प्रसंज्ञान ले रखा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को 2 अगस्त को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश चन्द्रभाल सिंह व स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एनटीसीए की सिफारिश के बाद भी राज्य सरकार ने टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन नहीं किया है. वहीं दूसरी ओर टाइगर मारे जा रहे हैं. बता दें कि टाइगर रिजर्व के कोर एरिया व पेरी-फेरी में गांव बसे हुए हैं. यहां रहने वाले ग्रामीणों के पास हथियार भी हैं, जो वन्य जीवों का शिकार करते हैं.

याचिका में कहा गया कि सरिस्का में शिकारियों पर कार्रवाई की जाए. वहीं टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जाए. इसके अलावा अवैध खनन को रोकने के साथ ही लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि रणथम्भौर, मुकन्दरा और सरिस्का में टाइगर संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने भी प्रसंज्ञान ले रखा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को 2 अगस्त को पेश होने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश चन्द्रभाल सिंह व स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एनटीसीए की सिफारिश के बाद भी राज्य सरकार ने टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर टाइगर मारे जा रहे हैं। वहीं टाइगर रिजर्व के कोर एरिया व पेरी-फेरी में गांव बसे हुए हैं। यहां रहने वाले ग्रामीणों के पास हथियार भी हैं, जो वन्य जीवों का शिकार करते हैं। याचिका में कहा गया कि सरिस्का में शिकारियों पर कार्रवाई की जाए। वहीं टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जाए। इसके अलावा अवैध खनन को रोकने के साथ ही लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि रणथम्भौर, मुकन्दरा और सरिस्का में टाइगर संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने भी प्रसंज्ञान ले रखा है। 


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