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HC notice to Rajasthan Finance Secretary: विशेष ब्रांड की शराब खरीद की शर्त क्यों ? - Finance Secretary

राजस्थान हाईकोर्ट ने (Rajasthan HC) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के वित्त सचिव (Finance Secretary) और आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) को जवाब तलब किया है.

HC notice to Rajasthan Finance Secretary
HC notice to Rajasthan Finance Secretary
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Published : Nov 27, 2021, 8:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HC) ने शराब ठेकेदार पर कुल बिक्री का 50 फीसदी राजस्थान निर्मित शराब बेचने की शर्त लगाने पर वित्त सचिव (Finance Secretary) और आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) सहित अन्य से जवाब मांगा है.

इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता का शराब लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश प्रमोद की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को झुंझुनू के इस्लामपुर में वर्ष 2021-22 के लिए एक करोड 24 लाख रुपए में कम्पोजिट शराब की दुकान आवंटित हुई थी.

पढ़ें- Rajasthan High Court: दौसा कलेक्टर को हाईकोर्ट ने किया जमानती वारंट से तलब

शराब लाइसेंस में शर्त रखी गई कि प्रतिमाह दस लाख रुपए की शराब खरीदना जरूरी होगा और इसमें से पचास फीसदी शराब राजस्थान निर्मित शराब होगी. याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन के कारण वह तय मात्रा में शराब नहीं उठा सका. वहीं आरएमएल शराब की डिमांड भी काफी कम रहती है. ऐसे में विभाग ने याचिकाकर्ता की दस लाख रुपए की जमानत राशि जब्त कर करीब 24 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर शराब लाइसेंस को रद्द कर दिया.

याचिका में कहा गया कि उसे ब्रांड विशेष की शराब क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HC) ने शराब ठेकेदार पर कुल बिक्री का 50 फीसदी राजस्थान निर्मित शराब बेचने की शर्त लगाने पर वित्त सचिव (Finance Secretary) और आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) सहित अन्य से जवाब मांगा है.

इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता का शराब लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश प्रमोद की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को झुंझुनू के इस्लामपुर में वर्ष 2021-22 के लिए एक करोड 24 लाख रुपए में कम्पोजिट शराब की दुकान आवंटित हुई थी.

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शराब लाइसेंस में शर्त रखी गई कि प्रतिमाह दस लाख रुपए की शराब खरीदना जरूरी होगा और इसमें से पचास फीसदी शराब राजस्थान निर्मित शराब होगी. याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन के कारण वह तय मात्रा में शराब नहीं उठा सका. वहीं आरएमएल शराब की डिमांड भी काफी कम रहती है. ऐसे में विभाग ने याचिकाकर्ता की दस लाख रुपए की जमानत राशि जब्त कर करीब 24 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर शराब लाइसेंस को रद्द कर दिया.

याचिका में कहा गया कि उसे ब्रांड विशेष की शराब क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है.

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