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टाइगर संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने मांगे सुझाव...सुनवाई पूरी

सुनवाई के दौरान एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव, एडीजी आरएसी सहित वन विभाग के अधिकारी अदालत में पेश हुए. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वन रक्षकों के करीब एक हजार 42 पद खाली चल रहे हैं. वहीं टाइगर प्रोटेक्टशन फोर्स के पदों पर भी नियुक्ति होनी है.

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Published : Aug 2, 2019, 10:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षों को कहा है कि वे मामले में अपने सुझाव पेश करे. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश चन्द्रभाल सिंह व स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव, एडीजी आरएसी सहित वन विभाग के अधिकारी अदालत में पेश हुए. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वन रक्षकों के करीब एक हजार 42 पद खाली चल रहे हैं.वहीं टाइगर प्रोटेक्टशन फोर्स के पदों पर भी नियुक्ति होनी है.

यह भी पढ़ें : राजधानी में पुलिस का महिलाओं से बदसलूकी का VIDEO वायरल...

इस पर अदालत के सामने सुझाव आया कि नियुक्ति होने तक आरएससी को तैनात किया जा सकता है. इस पर एडीजी आरएसी ने कहा कि आरएसी जवानों को आपात सूचना पर तत्काल जाना पड़ता है. अदालत ने कहा कि इन्हें ना लगाकर बॉर्डर होमगार्ड लगाने पर विचार किया जा सकता है.

राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि अभ्यारण्य क्षेत्र के 25 गांवों में से तीन को खाली कराया जा चुका है. जबकि छह गांवों को खाली कराने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं एनटीसीए ने अदालत को बताया कि टाइगर पर जल्द ही एन्ड्राइड बेस जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सुझाव मांगते हुए प्रकरण का फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षों को कहा है कि वे मामले में अपने सुझाव पेश करे. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश चन्द्रभाल सिंह व स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव, एडीजी आरएसी सहित वन विभाग के अधिकारी अदालत में पेश हुए. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वन रक्षकों के करीब एक हजार 42 पद खाली चल रहे हैं.वहीं टाइगर प्रोटेक्टशन फोर्स के पदों पर भी नियुक्ति होनी है.

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इस पर अदालत के सामने सुझाव आया कि नियुक्ति होने तक आरएससी को तैनात किया जा सकता है. इस पर एडीजी आरएसी ने कहा कि आरएसी जवानों को आपात सूचना पर तत्काल जाना पड़ता है. अदालत ने कहा कि इन्हें ना लगाकर बॉर्डर होमगार्ड लगाने पर विचार किया जा सकता है.

राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि अभ्यारण्य क्षेत्र के 25 गांवों में से तीन को खाली कराया जा चुका है. जबकि छह गांवों को खाली कराने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं एनटीसीए ने अदालत को बताया कि टाइगर पर जल्द ही एन्ड्राइड बेस जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सुझाव मांगते हुए प्रकरण का फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई पूरी कर ली है। इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षों को कहा है कि वे मामले में अपने सुझाव पेश करे। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश चन्द्रभाल सिंह व स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:सुनवाई के दौरान एसीएस गृह, प्रमुख वन सचिव, एडीजी आरएसी सहित वन विभाग के अधिकारी अदालत में पेश हुए। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वन रक्षकों के करीब एक हजार 42 पद खाली चल रहे हैं। वहीं टाइगर प्रोटेक्टशन फोर्स के पदों पर भी नियुक्ति होनी है। इस पर अदालत के सामने सुझाव आया कि नियुक्ति होने तक आरएससी को तैनात किया जा सकता है। इस पर एडीजी आरएसी ने कहा कि आरएसी जवानों को आपात सूचना पर तत्काल जाना पड़ता है। इस पर अदालत ने कहा कि इन्हें ना लगाकर बॉर्डर होमगार्ड लगाने पर विचार किया जा सकता है। वहीं राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि अभ्यारण्य क्षेत्र के 25 गांवों में से तीन को खाली कराया जा चुका है। जबकि छह गांवों को खाली कराने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी और एनटीसीए ने अदालत को बताया कि टाइगर पर जल्द ही एन्ड्राइड बेस जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सुझाव मांगते हुए प्रकरण का फैसला सुरक्षित रख लिया है। Conclusion:
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