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हरियाली अमावस्या पर बन रहा विशेष योग...पितरों के मोक्ष के लिए लगाएं नीम, पीपल और आम के पौधे - Rajasthan hindi news

इस बार हरियाली अमावस्या पर विशेष योग (Hariyali Amavasya in Sawan month) बन रहा है. गुरुवार का दिन होने के साथ ही पुष्य नक्षत्र होने पर इस अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना फलदायी होगा. इससे पितरों के लिए मोक्ष के द्वार भी खुल जाता है.

Hariyali Amavasya on thursday with pushya nakshatra
हरियाली अमावस्या पर बन रहा विशेष योग
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Published : Jul 27, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Jul 27, 2022, 4:21 PM IST

जयपुर. सावन माह में हरियाली अमावस्या पर गुरुवार और गुरु पुष्य नक्षत्र साथ हैं जिस इस दिन पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना फलदायी होगा. इस बार अमावस्या (Hariyali Amavasya in Sawan month) बुधवार को रात 9 बजे शुरू होगी और गुरुवार को रात 11 बजे तक रहेगी. ऐसे में गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा. सावन में आने के चलते इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं. इस दिन पितरों की याद में पेड़-पौधे लगाने से उनके लिए मोक्ष के द्वार खुलते हैं.

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya on thursday with pushya nakshatra) इस बार 28 जुलाई को है. इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृत योग बन रहा है. इस दिन के खास होने के पीछे एक बड़ा कारण गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का साथ पड़ना भी है. सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा और आराधना होती है. खुद माता पार्वती ने भी घोर तपस्या की थी. सावन मास में ही ये कठिन तपस्या करने पर उन्हें भगवान शिव प्राप्त हुए थे. वहीं भगवान विष्णु भी इस दौर 4 महीने क्षीर सागर में निद्रा के लिए जाते हैं. ऐसे में भगवान शिव ही पूरा ब्रह्मांड संभालते हैं. इन चातुर्मास की शुरुआत सावन के महीने से ही होती है. इसलिए इसकी महत्ता और बढ़ जाती है.

हरियाली अमावस्या पर बन रहा विशेष योग

पढ़ें. उदयपुर में दो दिवसीय हरियाली अमावस्या का मेला 28 और 29 जुलाई को भरेगा

सावन माह में पितरों के लिए पौधरोपण करना लाभाकारी सिद्ध होता है. इनमें भी नीम, पीपल, आम के वृक्ष लगाना शुभ माना गया है. हालांकि इन पौधों की रक्षा और बड़ा करने की जिम्मेदारी के साथ पौधरोपण से पूर्वजों के लिए मोक्ष का द्वार खुलेगा. माना जाता है जब ये पौधे शक्तिशाली हो जाते हैं तो आप भी शक्तिशाली हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए पूजन और गंगा तट जैसे पवित्र स्थान पर स्नान कर तर्पण या पूजन करते हैं. इससे पितरों का मोक्ष मिलता है. यदि हरियाली अमावस्या के दिन आप नदी-सरोवर में नहीं जा सकते, तो स्नान करने वाले बर्तन में गंगा जल डालकर पितरों का पूजन करें, तो पुण्य लाभ मिलता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन गुरु पुष्य योग को बहुत ही श्रेष्ठ और दुर्लभ योगों में से एक माना गया है. बताते हैं कि इस दिन धन और धान के कार्य करने शुभ फलदायी रहते हैं. और पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ने पर इसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है. इस योग को मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस योग में गहने खरीदना, घर का निर्माण कार्य शुरू करना और घर के लिए खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है.

जयपुर. सावन माह में हरियाली अमावस्या पर गुरुवार और गुरु पुष्य नक्षत्र साथ हैं जिस इस दिन पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना फलदायी होगा. इस बार अमावस्या (Hariyali Amavasya in Sawan month) बुधवार को रात 9 बजे शुरू होगी और गुरुवार को रात 11 बजे तक रहेगी. ऐसे में गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा. सावन में आने के चलते इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं. इस दिन पितरों की याद में पेड़-पौधे लगाने से उनके लिए मोक्ष के द्वार खुलते हैं.

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya on thursday with pushya nakshatra) इस बार 28 जुलाई को है. इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृत योग बन रहा है. इस दिन के खास होने के पीछे एक बड़ा कारण गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का साथ पड़ना भी है. सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा और आराधना होती है. खुद माता पार्वती ने भी घोर तपस्या की थी. सावन मास में ही ये कठिन तपस्या करने पर उन्हें भगवान शिव प्राप्त हुए थे. वहीं भगवान विष्णु भी इस दौर 4 महीने क्षीर सागर में निद्रा के लिए जाते हैं. ऐसे में भगवान शिव ही पूरा ब्रह्मांड संभालते हैं. इन चातुर्मास की शुरुआत सावन के महीने से ही होती है. इसलिए इसकी महत्ता और बढ़ जाती है.

हरियाली अमावस्या पर बन रहा विशेष योग

पढ़ें. उदयपुर में दो दिवसीय हरियाली अमावस्या का मेला 28 और 29 जुलाई को भरेगा

सावन माह में पितरों के लिए पौधरोपण करना लाभाकारी सिद्ध होता है. इनमें भी नीम, पीपल, आम के वृक्ष लगाना शुभ माना गया है. हालांकि इन पौधों की रक्षा और बड़ा करने की जिम्मेदारी के साथ पौधरोपण से पूर्वजों के लिए मोक्ष का द्वार खुलेगा. माना जाता है जब ये पौधे शक्तिशाली हो जाते हैं तो आप भी शक्तिशाली हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए पूजन और गंगा तट जैसे पवित्र स्थान पर स्नान कर तर्पण या पूजन करते हैं. इससे पितरों का मोक्ष मिलता है. यदि हरियाली अमावस्या के दिन आप नदी-सरोवर में नहीं जा सकते, तो स्नान करने वाले बर्तन में गंगा जल डालकर पितरों का पूजन करें, तो पुण्य लाभ मिलता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन गुरु पुष्य योग को बहुत ही श्रेष्ठ और दुर्लभ योगों में से एक माना गया है. बताते हैं कि इस दिन धन और धान के कार्य करने शुभ फलदायी रहते हैं. और पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ने पर इसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है. इस योग को मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस योग में गहने खरीदना, घर का निर्माण कार्य शुरू करना और घर के लिए खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है.

Last Updated : Jul 27, 2022, 4:21 PM IST
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