जयपुर. केंद्र के तीनों कृषि बिलों के खिलाफ राजस्थान में अब कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार जो तीन बिल लेकर आई है, यह केवल बिल नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की किसानों के प्रति मंशा को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि आज तक एमएसपी को खत्म करने की बात कोई सोच नहीं सकता था, लेकिन मोदी सरकार की यह सोच है कि गांव और किसान की जगह कॉरपोरेट हाउस ताकतवर हो.
राजस्व मंत्री ने कहा कि दूसरी जगह पर अपनी फसल बेचने पर किसान पर कहीं भी प्रतिबंध नहीं है. राजस्थान में दो हजार लाइसेंस ऐसे जारी किए हुए हैं, जहां किसान अपनी फसल बेच सकता है. उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि 2006 में एपीएमसी की व्यवस्था बिहार में खत्म की गई, जिसे 2019 में फिर लागू किया गया, लेकिन इस दौरान बिहार की स्थिति सबके सामने है.
उन्होंने कहा कि हमारे किसान की तुलना अमेरिका और यूरोप के किसानों से की जा रही है, जबकि हकीकत यह है कि अमेरिका और यूरोप के किसानों की व्यवस्था पूरी तरीके से सब्सिडी पर आधारित होती है. भारत में जहां हर किसान को औसतन 15 हजार से कम सब्सिडी सालाना मिलती है, तो वहीं अमेरिका में हर किसान को 44 लाख की सब्सिडी मिलती है. उन्होंने कहा कि अडानी और अंबानी जैसे बड़े कॉर्पोरेट लोगों को इस व्यवस्था में लाकर मोदी सरकार किसान को मजदूर ही नहीं, बल्कि उस से भी बदतर स्थिति में लाने की कोशिश कर रही है.
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मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के लिए अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेगी. भाजपा 'सर छोटू राम जी' को नारों और मूर्तियों के समय तो याद रखती है, लेकिन किसान को मजबूत करने की व्यवस्था जो सर छोटू राम ने आजादी से पहले देश में शुरू की थी अब उनकी सोच के साथ क्या हो रहा है. यह किसान देख रहा है.