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हरीश चौधरी का केंद्रीय मंत्री पर पलटवार, कहा- इस तरह की भाषा किसान पृष्ठभूमि की व्यक्ति का नहीं हो सकता

राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की ओर से अधिकारियों को लगाई गई फटकार पर पलटवार किया है. हरीश चौधरी ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री की जो भाषा और व्यवहार बाड़मेर की परंपरा और संस्कार के बिल्कुल विपरीत है.

Harish Chaudhary counterattack,  Rajasthan News
हरीश चौधरी का पलटवार
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Published : Jul 7, 2020, 7:36 PM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के बाड़मेर के मालानी तेरापंथ भवन और नाकोड़ा जी में संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटरों के औचक निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं से नाराज होकर अधिकारियों की ली गई क्लास पर अब मंत्री हरीश चौधरी ने कैलाश चौधरी को हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री का जो भाषा और व्यवहार था वह किसान की भाषा और व्यवहार नहीं था.

हरीश चौधरी का पलटवार

मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोई भी किसान पृष्ठभूमि का व्यक्ति इस तरीके की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कमियां हैं तो उन कमियों को दूर करने की व्यवस्थाओं में प्रशासन लगा हुआ है. जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के नाते और जिम्मेदार पद पर रहते हुए यह तरीका अख्तियार करना गलत है. उन्होंने कहा कि कैलाश चौधरी ने जो भाषा इस्तेमाल की वह नागपुर की भाषा है. यह चाल, चरित्र, चेहरा और भाषा नागपुर की दी हुई ट्रेनिंग का ही नतीजा है.

पढ़ें- बाड़मेर: केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कोविड केयर सेंटर में अव्यवस्थाओं को देख लगाई फटकार

हरीश चौधरी ने कहा कि कैलाश चौधरी का व्यवहार बाड़मेर की परंपरा और संस्कार के बिल्कुल विपरीत है और निंदनीय है. कोरोना काल में कमियां सिर्फ कोविड-19 में ही नहीं, बल्कि सब जगह कमियां हैं. जनप्रतिनिधि के नाते हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि पहले खुद में सुधार करें और सुझाव के तौर पर ही हमको बात रखनी चाहिए.

दरअसल, मंत्री हरीश चौधरी मंगलवरा को पटवारियों की ओर से किए गए कार्यों को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म का उद्घाटन अपने सरकारी आवास पर कर रहे थे. इस फिल्म में राजस्थान के सभी पटवारियों की ओर से किए गए कामों को चित्रित किया गया है. इसके बाद मंत्री चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में राजस्व विभाग के पटवारियों ने सबसे बेहतरीन काम किया है.

जयपुर. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के बाड़मेर के मालानी तेरापंथ भवन और नाकोड़ा जी में संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटरों के औचक निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं से नाराज होकर अधिकारियों की ली गई क्लास पर अब मंत्री हरीश चौधरी ने कैलाश चौधरी को हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री का जो भाषा और व्यवहार था वह किसान की भाषा और व्यवहार नहीं था.

हरीश चौधरी का पलटवार

मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोई भी किसान पृष्ठभूमि का व्यक्ति इस तरीके की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कमियां हैं तो उन कमियों को दूर करने की व्यवस्थाओं में प्रशासन लगा हुआ है. जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के नाते और जिम्मेदार पद पर रहते हुए यह तरीका अख्तियार करना गलत है. उन्होंने कहा कि कैलाश चौधरी ने जो भाषा इस्तेमाल की वह नागपुर की भाषा है. यह चाल, चरित्र, चेहरा और भाषा नागपुर की दी हुई ट्रेनिंग का ही नतीजा है.

पढ़ें- बाड़मेर: केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कोविड केयर सेंटर में अव्यवस्थाओं को देख लगाई फटकार

हरीश चौधरी ने कहा कि कैलाश चौधरी का व्यवहार बाड़मेर की परंपरा और संस्कार के बिल्कुल विपरीत है और निंदनीय है. कोरोना काल में कमियां सिर्फ कोविड-19 में ही नहीं, बल्कि सब जगह कमियां हैं. जनप्रतिनिधि के नाते हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि पहले खुद में सुधार करें और सुझाव के तौर पर ही हमको बात रखनी चाहिए.

दरअसल, मंत्री हरीश चौधरी मंगलवरा को पटवारियों की ओर से किए गए कार्यों को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म का उद्घाटन अपने सरकारी आवास पर कर रहे थे. इस फिल्म में राजस्थान के सभी पटवारियों की ओर से किए गए कामों को चित्रित किया गया है. इसके बाद मंत्री चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में राजस्व विभाग के पटवारियों ने सबसे बेहतरीन काम किया है.

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