जयपुर. नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने आरपीएससी मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आरएएस इंटरव्यू विवाद के बाद पूरी आरपीएससी पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.
सोमवार को हनुमान बेनीवाल ने एक के बाद एक 12 ट्वीट कर इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी. ट्वीट के जरिये उन्होंने कहा कि RPSC में व्याप्त भ्रष्टाचार से राजस्थान की साख कई साल से खराब हो रही है, हाल ही में ACB ने RPSC के जिस कार्मिक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था, उसकी तह तक जांच की जाए तो वर्तमान अध्यक्ष की भूमिका भी सामने आ सकती है.
बेनीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार जब संकट में आई तब भूपेंद्र यादव ने नेताओं के फोन टेप किये थे. गलत मुकदमे दर्ज किए, इस कारण उन्हें RPSC के चैयरमैन के रूप में नियुक्ति मिल गई. RPSC अध्यक्ष और सदस्यों की सम्पति की जांच की जाए और इस संस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच CBI से करवानी चाहिए.
पढ़ें- सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन RPSC की निष्पक्षता बरकरार रहे: अर्जुन राम मेघवाल
उन्होंने बीजेपी पर भी प्रहार करते हुए ट्वीट किया कि भाजपा के जिन नेताओं को आकस्मिक रूप से RPSC में अनियमितता और भ्रष्टाचार नजर आने लगा, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब परिवहन घोटाला हुआ और परिवहन मंत्री पर आरोप जगजाहिर हुए, तब वे खामोश क्यों हो गए ? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ प्रदेश भाजपा के नेता RPSC के खिलाफ बयान दे रहे हैं तो दूसरी तरफ RPSC के चेयरमैन रह चुके भाजपा नेता RPSC को सही भी बता रहे हैं, उन्हें यह भय लगने लग गया है कि कहीं जांच हो गई तो आंच उनके कार्यकाल तक न आ पहुंचे. उन्होंने कहा कि भाजपा का भी अपने नेताओं पर ही कोई नियंत्रण नही है.
जाहिर है कि उनका इशारा पूर्व भाजपा सांसद सीआर चौधरी की तरफ था. जिन्होंने हाल ही में आरपीएससी मामले में गोविंद सिंह डोटासरा का बचाव किया था.
बेनीवाल ने बार-बार मांग की कि वर्तमान RPSC अध्यक्ष सहित आधा दर्जन पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल की CBI जांच होनी चाहिए, जिन्होंने अपने निकट के रिश्तेदारों के चयन अनैतिक रूप से RAS में करवाया और अथाह सम्पति अर्जित कर ली.