जयपुर. फिल्म पानीपत को लेकर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. फिल्म डायरेक्ट की ओर से फिल्म में विवादित सीन हटाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन, फिल्म को लेकर विरोध कर रहे समाज के लोगों ने साफ कर दिया कि विवादित सीन हटाने से काम नही चलेगा बल्कि फिल्म को बैन करना पड़ेगा, जाट समाज के इस विरोध में अब गुर्जर समाज ने समर्थन करते हुए फिल्म बैन करने की बात कही.
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि फिल्म पानीपत में जिस तरीके से भरतपुर के संस्थापक सूरजमल का चित्रण किया गया है, वह गलत है. जाट समाज ही नहीं बल्कि सर्व समाज इस तरह से इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश की जाने वाली फिल्मों का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि फिल्म प्रोडक्शन हाउस की तरफ से फिल्म से विवादित चित्रण को हटाने की बात कही जा रही है लेकिन इस से काम नहीं चलेगा.
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उन्होंने कहा कि फिल्म पर पूरी तरीके से बैन होनी चाहिए. इस तरीके से इतिहास के साथ छेड़खानी करना कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं है. हिम्मत सिंह ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि फिल्म प्रोडक्शन हाउस अपनी कमाई के लिए बनाई जा रही फिल्मों में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करते है. यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी कई फिल्में ऐसी बनी है जिनको लेकर गलत तरीके से भ्रम फैलाया गया. उन फिल्मों में भी इतिहास के साथ छेड़खानी की गई, इस तरीके से इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करके फिल्म प्रोडक्शन हाउस अपना कमाई का जरिया बना रहे हैं.
हिम्मत सिंह ने कहा कि विवादित चित्रण हटाने की बात भले ही हो लेकिन चित्रण हटाने से काम नहीं चलेगा बल्कि पूरी फिल्म पर रोक लगानी पड़ेगी. हिम्मत सिंह ने कहा कि गुर्जर समाज पूरी तरीके से इस फिल्म का विरोध कर रही जाट समाज के साथ है. उन्होंने कहा कि न केवल गुर्जर समाज बल्कि प्रदेश का सर्व समाज इस तरह से झूठी कहानियां गढ़ कर बनाई जा रही फिल्मों का विरोध करता है.
दरअसल पानीपत फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लेकर जो चित्रण किया गया है उसको लेकर पहले जाट समाज फिर राजपूत समाज और अब गुर्जर समाज ने भी इसका विरोध तेज कर दिया है. इतना नहीं प्रदेश के ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों ने भी इस तरह से इतिहास का छेड़खानी कर बनाई जा रही फिल्मों का विरोध किया है. प्रदेश में विरोध के बीच सभी सिनेमा हॉल से फिल्म पानीपत का प्रसारण रोक दिया गया है हालांकि प्रोडक्शन हाउस की तरफ से सफाई दी गई कि उन्होंने जो विवादित सीन है उसे हटा दिया है. लेकिन अभी भी यह विरोध खत्म नहीं हो रहा है.