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समझौता लागू नहीं होने से गुर्जर संघर्ष समिति नाराज, सरकार ने गठित की 4 मंत्रियों की समिति

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Published : Jun 16, 2020, 11:21 AM IST

प्रदेश में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण का मुद्दा गरमाने लगा है. 15 महीने से समझौता लागू नहीं होने पर गुर्जर संघर्ष समिति नाराज है. समिति का कहना है कि अगर जो वादे हुए थे वो पूरे नहीं हुए तो महापंचायत बुलानी पड़ेगी. वहीं सरकार ने समझौते को लागू करने के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी में उर्जा मंत्री बीडी कल्ला का नाम भी जोड़ा है.

गुर्जर आरक्षण की खबर, Gujjar reservation news
समझौता लागू नहीं होने से गुर्जर संघर्ष समिति नाराज

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट सुनाई देने लगी है. सोमवार को गुर्जर संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में उनके आवास पर बैठक हुई. बैठक में बैंसला ने सभी जिलों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि गुर्जर समाज की आरक्षण संबंधी मांगों को लेकर सरकार से 15 फरवरी 2019 को समझौता हुआ था. इसके बाद 18 जनवरी 2020 को सरकार से वार्ता हुई लेकिन न तो मुकदमे वापस लिए गए और ना ही 1252 अभ्यर्थियों के नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार ने कुछ किया.

समझौता लागू नहीं होने से गुर्जर संघर्ष समिति नाराज

बैंसला ने कहा कि मुख्य सचिव बीबी गुप्ता इस समिति में शामिल मंत्रियों से मिलेंगे और पूछेंगे कि मांगों पर सहमति बनने के बाद कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वहीं गुर्जर नेता शैलेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने कहा था कि जातियों के आधार पर जिलों में सर्वे नहीं होगा. लेकिन सवाई माधोपुर समेत कई जिलों में सर्वे फिर से शुरू हो गया है. सरकार अपनी तरफ से किए हुए वादों पर खरी नहीं उतर रही है. संघर्ष समिति के साथ 15 महीने पहले जो वादे हुए थे उन पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है. ऐसे में अगर सरकार समय रहते उनकी मांगों पर निर्णय नहीं करती है तो संघर्ष समिति को एक बार फिर आंदोलन को लेकर महापंचायत बुलानी पड़ेगी.

सरकार ने किया मंत्रिमंडल समिति का पुनर्गठन

बता दें की गुर्जर संघर्ष समिति और सरकार के बीच फरवरी माह में आरक्षण को लेकर समझौता हुआ था. समझौते के तहत किन-किन मामलों पर विभाग की कितनी प्रगति हुई इसकी समीक्षा के लिए चार मंत्रियों की समिति का पुनर्गठन किया गया है. समिति में उर्जा मंत्री बीडी कल्ला, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को शामिल किया गया है. हालांकि यह मंत्रिमंडल समिति पहले ही तीन मंत्रियों के साथ बनाई गई थी लेकिन इसमें उर्जा मंत्री बीडी कल्ला को बाद में जोड़ा गया.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट सुनाई देने लगी है. सोमवार को गुर्जर संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में उनके आवास पर बैठक हुई. बैठक में बैंसला ने सभी जिलों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि गुर्जर समाज की आरक्षण संबंधी मांगों को लेकर सरकार से 15 फरवरी 2019 को समझौता हुआ था. इसके बाद 18 जनवरी 2020 को सरकार से वार्ता हुई लेकिन न तो मुकदमे वापस लिए गए और ना ही 1252 अभ्यर्थियों के नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार ने कुछ किया.

समझौता लागू नहीं होने से गुर्जर संघर्ष समिति नाराज

बैंसला ने कहा कि मुख्य सचिव बीबी गुप्ता इस समिति में शामिल मंत्रियों से मिलेंगे और पूछेंगे कि मांगों पर सहमति बनने के बाद कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वहीं गुर्जर नेता शैलेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने कहा था कि जातियों के आधार पर जिलों में सर्वे नहीं होगा. लेकिन सवाई माधोपुर समेत कई जिलों में सर्वे फिर से शुरू हो गया है. सरकार अपनी तरफ से किए हुए वादों पर खरी नहीं उतर रही है. संघर्ष समिति के साथ 15 महीने पहले जो वादे हुए थे उन पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है. ऐसे में अगर सरकार समय रहते उनकी मांगों पर निर्णय नहीं करती है तो संघर्ष समिति को एक बार फिर आंदोलन को लेकर महापंचायत बुलानी पड़ेगी.

सरकार ने किया मंत्रिमंडल समिति का पुनर्गठन

बता दें की गुर्जर संघर्ष समिति और सरकार के बीच फरवरी माह में आरक्षण को लेकर समझौता हुआ था. समझौते के तहत किन-किन मामलों पर विभाग की कितनी प्रगति हुई इसकी समीक्षा के लिए चार मंत्रियों की समिति का पुनर्गठन किया गया है. समिति में उर्जा मंत्री बीडी कल्ला, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को शामिल किया गया है. हालांकि यह मंत्रिमंडल समिति पहले ही तीन मंत्रियों के साथ बनाई गई थी लेकिन इसमें उर्जा मंत्री बीडी कल्ला को बाद में जोड़ा गया.

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