जयपुर. एमबीसी आरक्षण में आ रही रुकावट को दूर करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर प्रदेश में गुर्जर आरक्षण की आग भड़क सकती है. शनिवार को बयाना के पास अड्डा गांव में महापंचायत बुलाई गई है. ऐसे तो महापंचायत की तैयारियों में कर्नल बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला पिछले कई समय से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब इसमें गुर्जर नेता हिम्मत सिंह भी शामिल होंगे.
दरअसल, मांग समाज से जुड़ी है ऐसे में सरकार के समक्ष जब महापंचायत होगी तो एकजुटता की मजबूती उसमें दिखना जरूरी है. लिहाजा अब तक कर्नल बैंसला और विजय बैंसला की खिलाफत कर रहे हिम्मत सिंह गुर्जर भी महापंचायत को सफल बनाने में जुट गए हैं. हिम्मत सिंह का कहना है महापंचायत समाज की है किसी व्यक्ति की नहीं और नेहरा क्षेत्र के पंच पटेलों ने जब 80 गांव को आमंत्रित किया है तो हम सब उसमें शामिल होंगे. इस सिलसिले में हिम्मत सिंह ने क्षेत्र के गुर्जर समाज से आने वाले लोगों के साथ बैठकें भी की और आह्वान भी किया कि ज्यादा से ज्यादा लोग महापंचायत में शामिल हों.
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उधर, एमबीसी में शामिल पांचों जातियों को 5 फीसदी आरक्षण का शत-प्रतिशत फायदा नहीं मिलने से नाराज समाज ये महापंचायत करने जा रहा है. पूर्व में एमबीसी आरक्षण के लिए रिजर्व रखे पदों पर नियुक्तियां और अन्य मांगों पर प्रदेश सरकार का सकारात्मक रुख नहीं होने के कारण बैंसला ने पहले ही आंदोलन की चेतावनी दी थी. ऐसे में इस महापंचायत में आंदोलन की रणनीति तैयार होकर उसका ऐलान भी किया जा सकता है.
गुर्जर समाज की एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की भी मांग है, जो केंद्र सरकार के समक्ष लंबित है. वहीं कई भर्तियों में समाज को एमबीसी आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे समाज प्रदेश सरकार के प्रति भी आक्रोशित है. गुर्जर नेताओं के अनुसार प्रदेश सरकार से समाज वही मांग रहा है जो सरकार ने देने की घोषणा की थी. ऐसे में सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए.
महापंचायत का नेतृत्व कौन करेगा यह समाज तय करेगाः हिम्मत सिंह
हिम्मत सिंह के अनुसार पंच पटेलों के आह्वान पर वह महापंचायत में शामिल होंगे और सरकार से पुरजोर तरीके से समाज की मांग भी रखेंगे. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि महापंचायत का नेतृत्व कौन करेगा उन्होंने कहा कि नेतृत्व वही करेगा जिसे समाज चाहेगी.