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कटारिया ने लिखा गहलोत को पत्र, कहा- 14 जुलाई से पहले हुए तबादलों की जांच के लिए बनाएं कमेटी

राजस्थान में 14 जुलाई से 14 अगस्त के बीच तबादलों से प्रतिबंध हटाया गया है. तबादलों को लेकर राजस्थान में सियासत शुरू हो गई है. खास तौर पर 14 जुलाई से पहले शिक्षा विभाग में किए गए तबादलों की जांच के लिए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर एक कमेटी बनाए जाने की मांग की है.

कटारिया ने लिखा गहलोत को पत्र
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Published : Jul 9, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 4:47 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने 14 जुलाई से पहले शिक्षा विभाग में किए गए तबादलों को तबादला उद्योग करार दिया है. कटारिया ने उन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले की जांच की मांग उठाई है जिनका स्थानांतरण 14 जुलाई से पहले किया जा चुका था.

कटारिया ने कहा कि सरकार ने भले ही पारदर्शिता की बात कहते हुए 14 जुलाई से 14 अगस्त यानी एक माह के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया हो, लेकिन शिक्षा विभाग में तबादलों पर प्रतिबंध के बावजूद सैकड़ों प्रधानाचार्यों और तृतीय वेतन श्रंखला तक के शिक्षकों का तबादला किया गया.

तबादलों को लेकर सरकार से जांच की मांग

पढ़ें -जयपुर सफाई कर्मचारी प्रदर्शन : 2 निगम, तो 2 यूनियन क्यों नहीं ? कर्मचारियों के समर्थन में उतरे सांसद किरोड़ी लाल मीणा, प्रदर्शन में फंसी एंबुलेंस

वहीं उपनिदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों का एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण या पद स्थापन कर दिया गया. इसके लिए पहले आदेशों को प्रतीक्षा में रखा गया, फिर बाद में उनका मनमाफिक स्थानों पर पदस्थापन कर दिया गया. यह सीधे तौर पर नीति निर्देशों की धज्जियां उड़ाए जाने के समान है और पूरी तरह नियमों को ताक पर रखा गया है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने 14 जुलाई से पहले शिक्षा विभाग में किए गए तबादलों को तबादला उद्योग करार दिया है. कटारिया ने उन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले की जांच की मांग उठाई है जिनका स्थानांतरण 14 जुलाई से पहले किया जा चुका था.

कटारिया ने कहा कि सरकार ने भले ही पारदर्शिता की बात कहते हुए 14 जुलाई से 14 अगस्त यानी एक माह के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया हो, लेकिन शिक्षा विभाग में तबादलों पर प्रतिबंध के बावजूद सैकड़ों प्रधानाचार्यों और तृतीय वेतन श्रंखला तक के शिक्षकों का तबादला किया गया.

तबादलों को लेकर सरकार से जांच की मांग

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वहीं उपनिदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों का एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण या पद स्थापन कर दिया गया. इसके लिए पहले आदेशों को प्रतीक्षा में रखा गया, फिर बाद में उनका मनमाफिक स्थानों पर पदस्थापन कर दिया गया. यह सीधे तौर पर नीति निर्देशों की धज्जियां उड़ाए जाने के समान है और पूरी तरह नियमों को ताक पर रखा गया है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 4:47 PM IST
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