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बिना अंडरटेकिंग दिए नहीं हो सकती गुर्जर महापंचायत, ऐसा करने पर होगी हाईकोर्ट की अवमानना

गुर्जर आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर 17 को जयपुर में गुर्जर महापंचायत आयोजित होगी. इस महापंचायत को लेकर संघर्ष समिति ने अब तक भरतपुर कलेक्टर के समक्ष कोई अंडरटेकिंग नहीं दी है. ऐसे में यदि बिना अंडरटेकिंग दिए यह महापंचायत होती है तो यह हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2007 में दिए आदेश के विपरीत होगी और इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा.

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Published : Oct 17, 2020, 12:46 AM IST

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हाईकोर्ट की अवमानना

जयपुर. गुर्जर आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर 17 अक्टूबर से प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत जिला कलेक्टर को शांतिपूर्वक आयोजन के संबंध में अंडरटेकिंग दिए बिना आयोजित नहीं की जा सकती. यदि बिना अंडरटेकिंग दिए यह महापंचायत होती है तो यह हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2007 में दिए आदेश के विपरीत होगी और इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा. जानकारी के अनुसार 17 अक्टूबर को पीलूपुरा के पास होने वाली इस महापंचायत को लेकर संघर्ष समिति ने अब तक भरतपुर कलेक्टर के समक्ष कोई अंडरटेकिंग नहीं दी है.

हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में 4 बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी किए थे. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मामले में पक्षकार बनाए गए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और रूप सिंह सहित गुर्जर समाज के अन्य नेता किसी भी स्थान पर महापंचायत या सार्वजनिक सभा करते हैं, तो उन्हें संबंधित जिला कलेक्टर को आवेदन करना होगा. इसके साथ ही उन्हें कलेक्टर को यह भी अंडरटेकिंग देनी होगी कि वे रास्ता रोकने या इस जैसा अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे.

ये पढ़ें: MBC आरक्षण की मांग पर शनिवार को गुर्जरों की महापंचायत, गुर्जर नेता हिम्मत सिंह भी होंगे शामिल

वहीं संबंधित जिला कलेक्टर महापंचायत या सभा की अनुमति देने से पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि इससे अन्य वर्गों या नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को संरक्षित रखने और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करेगी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि राज्य सरकार गुर्जर समाज के दबाव में आकर गुर्जर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को कोई सिफारिश पत्र नहीं भेजेगी.

अभी भी विचाराधीन है अवमानना याचिका

हाईकोर्ट की ओर से दिए इस आदेश आदेश के बाद गुर्जर आंदोलन में हुई हिंसा को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और अन्य के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लंबित है. प्रकरण में वर्ष 2012 में हाईकोर्ट ने भी अवमानना को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था. हाईकोर्ट में मामले पर आगामी 11 नवंबर को सुनवाई प्रस्तावित है, ऐसे में गुर्जर संघर्ष समिति को जिला कलेक्टर को यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह हाईकोर्ट के आदेश की पालना करते हुए शांतिपूर्वक साधारण सभा या महापंचायत करेंगे.

जयपुर. गुर्जर आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर 17 अक्टूबर से प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत जिला कलेक्टर को शांतिपूर्वक आयोजन के संबंध में अंडरटेकिंग दिए बिना आयोजित नहीं की जा सकती. यदि बिना अंडरटेकिंग दिए यह महापंचायत होती है तो यह हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2007 में दिए आदेश के विपरीत होगी और इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा. जानकारी के अनुसार 17 अक्टूबर को पीलूपुरा के पास होने वाली इस महापंचायत को लेकर संघर्ष समिति ने अब तक भरतपुर कलेक्टर के समक्ष कोई अंडरटेकिंग नहीं दी है.

हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में 4 बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी किए थे. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मामले में पक्षकार बनाए गए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और रूप सिंह सहित गुर्जर समाज के अन्य नेता किसी भी स्थान पर महापंचायत या सार्वजनिक सभा करते हैं, तो उन्हें संबंधित जिला कलेक्टर को आवेदन करना होगा. इसके साथ ही उन्हें कलेक्टर को यह भी अंडरटेकिंग देनी होगी कि वे रास्ता रोकने या इस जैसा अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे.

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वहीं संबंधित जिला कलेक्टर महापंचायत या सभा की अनुमति देने से पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि इससे अन्य वर्गों या नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को संरक्षित रखने और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करेगी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि राज्य सरकार गुर्जर समाज के दबाव में आकर गुर्जर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को कोई सिफारिश पत्र नहीं भेजेगी.

अभी भी विचाराधीन है अवमानना याचिका

हाईकोर्ट की ओर से दिए इस आदेश आदेश के बाद गुर्जर आंदोलन में हुई हिंसा को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और अन्य के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लंबित है. प्रकरण में वर्ष 2012 में हाईकोर्ट ने भी अवमानना को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था. हाईकोर्ट में मामले पर आगामी 11 नवंबर को सुनवाई प्रस्तावित है, ऐसे में गुर्जर संघर्ष समिति को जिला कलेक्टर को यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह हाईकोर्ट के आदेश की पालना करते हुए शांतिपूर्वक साधारण सभा या महापंचायत करेंगे.

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