जयपुर. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर आसूचना निदेशालय जयपुर इकाई के अधिकारियों द्वारा जुटाई गई विशिष्ट सूचना के आधार पर बड़ी छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. प्रदेश भर में इन कारोबारियों के करीब 17 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. जिसमें 5 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी उजागर हुई है. वहीं, मौके पर कारोबारियों द्वारा 61 लाख रुपए जीएसटी राशि भी जमा करवाई गई है.
इन सभी में जयपुर वस्तु एवं सेवा कर कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया है. जिसमें मिस क्लासिफिकेशन, मिस प्रिंटिंग और उत्पादों की मिथ्या जानकारी, बिना कर भुगतान किए माल का बेचान और अवमूल्यन शामिल है. कोटा और जयपुर में 17 विभिन्न परिसरों में प्रोपराइटर के आवास, फैक्ट्री परिसर और गोदामों पर छापेमार कार्रवाई की गई है.
इस कार्रवाई में मैंसर्स वाधवा एंड संस, कोटा एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज, मैंसर्स निराला उद्योग कोटा और जयपुर, मैसर्स निराला एंटरप्राइजेज जयपुर, मैंसर्स निराला इंडस्ट्रीज जयपुर, मैंसर्स बजरंग एंटरप्राइजेज और मैंसर्स गुलाब पेस्टिसाइड्स जयपुर पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. ये सभी कंपनियां तंबाकू उत्पाद और साबुन के क्षेत्र में सक्रिय हैं.
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जांच पड़ताल में सामने आया है कि यह सभी फर्मे ऐसे व्यवसाय में संलिप्त हैं, जिसके परिणाम स्वरुप विभिन्न आमजन के स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है और उनके स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे इनमें शामिल है. इन फर्मों के द्वारा अपने तंबाकू आधारित उत्पादों को बिना किसी अनिवार्य वैधानिक चेतावनी के बेची जा रही है. इन उत्पादों की पैकेजिंग भी मिथ्या है, इनमें तंबाकू और उसके संबंधित पदार्थ होते हैं.
वहीं, सर्च ऑपरेशन के दौरान फलों के विभिन्न ठिकानों से आपत्तिजनक रिकॉर्ड, दस्तावेज और डाटा भी बरामद किया गया है. कारोबारियों ने कर योग्य आपूर्ति प्रदान करने के एवज में नगद प्राप्तियों पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया. इसके साथ ही तंबाकू आधारित दंत मंजन को मिस क्वालिफिकेशन करके बर्तन धोने के पाउडर के रूप में बेचना स्वीकार किया है. फिलहाल, डीजीजीआई की ओर से पूरे मामले की जांच की जा रही है.